- आमिर अंसारी
केंद्र सरकार ने हाल ही में 200 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है। इसमें 138 बेटिंग ऐप्स और 94 लोन ऐप्स शामिल हैं। सरकार ने देश की सुरक्षा के मद्देनजर ऐप्स के खिलाफ सख्ती दिखाई है।
भारत में तेजी से बढ़ते लोन और बेटिंग ऐप्स के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 200 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने देश की सुरक्षा के मद्देनजर ऐप्स के खिलाफ सख्ती दिखाई है।
जानकारी के मुताबिक हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ऐसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया था, जो थर्ड पार्टी लिंक के जरिए ऑपरेट करते हैं।
क्यों लगाया गया बैन
पिछले 3 सालों में ऐसे लोगों से जबरन वसूली और उत्पीड़न की कई पुलिस शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने इस तरह के मनी-लेंडिंग ऐप्स के माध्यम से अक्सर अत्यधिक उच्च ब्याज दरों पर छोटी राशि उधार ली थी।
दिसंबर 2020 में विशाखापत्तनम के निवासी डीएनएम संतोष कुमार ने उधार देने वाले ऐप्स द्वारा कथित रूप से उत्पीड़न का सामना करने के बाद आत्महत्या कर ली। इसी तरह पुणे के साइबर पुलिस स्टेशन को 2020 में ऋण ऐप अपराधों की 699 शिकायतें मिलीं। 2021 में यह संख्या बढ़कर 928 हो गई। अगस्त 2022 तक ऋण ऐप संचालकों के खिलाफ 3151 शिकायतें दर्ज की गईं।
आईटी अधिनियम की धारा 69 का उल्लंघन
मीडिया में कहा जा रहा है कि ये सभी ऐप्स आईटी अधिनियम की धारा 69 का उल्लंघन करते हुए पाए गए और इनमें ऐसी सामग्री थी, जिसे भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा माना गया।
ऐसा कहा जा रहा है कि इन ऐप्स का इस्तेमाल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को टारगेट करने के लिए किया जाता था। लोन देने के बाद सालाना कई फीसदी तक का ब्याज बढ़ा दिया जाता था। जब कर्जदार ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए तो इन ऐप्स के लिए काम करने वाले लोगों ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, जिस कारण लोन के जाल में फंसे ऐसे कई लोगों ने आत्महत्या भी की।
लोन ऐप्स पर उत्पीड़न के आरोप
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इन ऐप के कर्जदारों द्वारा आत्महत्या के कई मामले सामने आने के बाद यह मामला सामने आया। दूसरी ओर चीनी ऐप संभावित रूप से जासूसी उपकरण के रूप में उपयोग करके सर्वर-साइड सुरक्षा का दुरुपयोग कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास कई भारतीयों के महत्वपूर्ण डेटा तक पहुंच है।
इस तरह के डेटा तक पहुंच का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर जासूसी के लिए किया जा सकता है, जिसके चलते ऐसे तमाम ऐप्स को देश के लिए खतरा माना जा रहा है। गृह मंत्रालय ने करीब 6 महीने पहले कुछ चीनी कर्ज देने वाले ऐप्स की जांच शुरू की थी।
जांच में पता चला कि इस तरह के 94 ऐप ई-स्टोर पर उपलब्ध थे और थर्ड पार्टी लिंक के जरिए संचालित होते थे। उस समय सुरक्षा एजेंसियों ने मंत्रालय से ऐसे बेटिंग (सट्टेबाजी) और कर्ज देने वाले ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। केंद्र ने 2022 में देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने 54 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।