क्या होता है इंटरपोल के नोटिसों का मतलब?

मंगलवार, 3 जुलाई 2018 (11:10 IST)
192 सदस्य देशों वाला इंटरनेशनल पुलिस संगठन, इंटरपोल कई तरह के नोटिस जारी करता है। ये नोटिस अलग-अलग स्थितियों में, अलग कारणों के चलते जारी किए जाते हैं। जानिए इन नोटिसों का क्या मतलब है।
 
 
रेड नोटिस
ये नोटिस आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए जारी किया जाता है। लेकिन सिर्फ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने से वह व्यक्ति दोषी नहीं हो सकता, उसे अदालत से भी दोषी ठहराया जाना चाहिए। लेकिन इंटरपोल किसी भी सदस्य देश पर आरोपी को गिरफ्तार करने का दबाव नहीं बना सकती।
 
 
येलो नोटिस
यह नोटिस अकसर गुमशुदा लोगों के लिए जारी किया जाता है। इसमें खासकर बच्चे या ऐसे लोग जो अपनी पहचान स्वयं नहीं बता सकते। इस नोटिस में शारीरिक बनावट, रंग-रूप, बॉडी मार्क आदि का खास तौर पर विवरण दिया जाता है।
 
 
ब्लैक नोटिस
यह नोटिस अज्ञात लोगों की जानकारी जुटाने के लिए इंटरपोल की ओर से जारी किया जाता है। हर साल इंटरपोल तकरीबन 150 ऐसे नोटिस जारी करता है।
 
 
ग्रीन नोटिस
यह नोटिस एक तरह की चेतावनी होता है। यह उनके खिलाफ जारी किया जाती है जिन्होंने पहले कभी अपराध किया है। साथ ही जिन पर शक होता है कि वे उस अपराध को दोहरा सकते हैं। इसमें यौन शोषण में जुड़े अपराधी, मानव तस्कर अधिक शामिल होते हैं।
 
 
ऑरेंज नोटिस
यह नोटिस तब जारी किया जाता है जब सुरक्षा का कोई खतरा मंडराता है। नोटिस किसी कार्यक्रम या आयोजन से लेकर किसी व्यक्ति, वस्तु, जगह के संबंध में जारी किया जा सकता है।
 
 
इंटरपोल-यूनाइटेड सिक्योरिटी काउंसिल स्पेशल नोटिस
यह एक खास तरह का नोटिस होता है। इसे ऐसी किसी संस्था, व्यक्ति या समूह के खिलाफ जारी किया जा सकता है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के निशाने पर होता है। इंटरपोल अब तक ऐसे 500 से भी ज्यादा नोटिस जारी कर चुका है।
 
 
पर्पल नोटिस
अपराधियों द्वारा किसी अपराध के लिए इस्तेमाल की गई मॉडस ऑपरेंडी, वस्तुएं, उपकरणों और छिपाने के तरीकों पर जानकारी मांगने या देने के लिए पर्पल नोटिस जारी किया जाता है। यह नोटिस पर्यावरण से जुड़े अपराधों से निपटने में इंटरपोल की मदद करता है।
 

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