साल 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी इलाके में जमींदारों के खिलाफ शुरू हुआ सामाजिक आर्थिक आंदोलन आज हिंसात्मक रूप ले चुका है। सरकार के मुताबिक देश के करीब 90 जिले नक्सलवाद से जूझ रहे हैं।
आंध्र प्रदेश
इस राज्य के गुंटूर, विशाखापट्टनम, पूर्व गोदावरी, पश्चिम गोदावरी समेत अन्य दो जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं। यहां कुल छह जिलों में इनका असर है।
बिहार
बिहार में प्रभावित जिलों की संख्या तकरीबन 16 है। इसमें अरवाल, औरंगाबाद, बंका, कैमूर, जहानाबाद, मुंगेर, नालंदा, रोहतास, वैशाली, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण प्रमुख हैं।
छत्तीसगढ़
नक्सलियों का गढ़ माने जाने छत्तीसगढ़ में करीब 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इसमें बालोद, बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, राजनंदगांव, सुकमा आदि मुख्य हैं।
झारखंड
खनिजों से भरपूर झारखंड के भी 19 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं। इसमें बोकारो, धनबाद, दुमका, हजारीबाग, कोडरमा, लातेहार, लोहारदागा, पलामू, रामगढ़ मुख्य हैं।
केरल
केरल में मल्लापुरम, पलक्कड़ और वायनाड जैसे तीन जिलों को नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में जिन तीन जिलों को नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है उसमें चंद्रपुर, गढ़चिरौली और गोंदिया आते हैं। यह इलाका रेड कॉरिडोर के तहत आता है।
ओडीशा
देश का तटीय प्रदेश ओडीशा में करीब 15 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इसमें कालाहांडी, कंधमाल, कोरापुट, मलकनगिरी, संभलपुर, सुंदरगढ़ जैसे जिले प्रमुख हैं।
उत्तर प्रदेश
चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र - इन तीन जिलों को उत्तर प्रदेश में नक्सल प्रभावित करार दिया गया है।
पश्चिम बंगाल
इस राज्य में झारग्राम जिले को नक्सल प्रभावित जिले की सूची में डाला गया है।
तेलंगाना
आदिलाबाद, वारांगल समेत तेलंगाना राज्य के कुल आठ जिले नक्सलवाल से प्रभावित बताए गए हैं।
मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश में मंडला और बालाघाट जिलों को नक्सल प्रभावित माना गया है। यह इलाका छत्तीसगढ़ से सटा है।