उत्तर कोरिया पर सीरिया को रासायनिक हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल देने का आरोप लगा है। संयुक्त राष्ट्र के हथियार विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट में इसका विस्तार से जिक्र किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के हथियार विशेषज्ञों का दावा है कि उत्तर कोरिया ने सीरिया को बैलेस्टिक मिसाइल और रासायनिक हथियार बनाने की सामग्री सप्लाई की है। यूएन के पैनल के मुताबिक 2012 से 2017 के बीच उत्तर कोरिया ने 40 से ज्यादा बार ऐसी सामग्री सीरिया भेजी।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स और समाचार एजेंसी एपी ने यूएन पैनल की रिपोर्ट देखने के दावा किया है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया और सीरिया के बीच 2008 से यह लेन देन चल रहा है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने उत्तर कोरिया की मदद से अपनी ताकत बढ़ाई। वहीं प्रतिबंधों के चलते आर्थिक तंगी का सामना कर रहे उत्तर कोरिया ने सीरिया की मदद से पैसा कमाया।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक उत्तर कोरिया ने अपने हथियार निर्माण विशेषज्ञ सीरिया भी भेजे। आरोप है कि उत्तर कोरिया हथियार विशेषज्ञों ने सीरिया में मिसाइल और रासायनिक हथियारों का निर्माण किया। 2008 से चल रही इन गतिविधियों का पता दुनिया भर खुफिया एजेंसियों को क्यों नहीं चला, यह भी अपने आप में एक सवाल है। संयुक्त राष्ट्र के हथियार विशेषज्ञ पैनल में अलग अलग देशों के लोग शामिल हैं। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में उत्तर कोरिया और सीरिया के बीच हुए सौदे के बिल भी लगाए हैं।
सीरिया ने यूएन पैनल की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। सीरिया के मुताबिक, "सीरिया में डेमोक्रैटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) की कोई तकनीकी कंपनी नही हैं और डीपीआरके के कुछ लोग जरूर मौजूद हैं जो स्पोर्ट्स के फील्ड में निजी व्यक्तिगत कॉन्ट्रैक्ट पर एथेलेक्टिक्स और जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग से जुड़े हैं।"
यूएन पैनल के मुताबिक, जब उन्होंने सीरिया से स्पोर्ट्स फील्ड से जुड़े लोगों के डॉक्यूमेंट मांगे तो कोई जवाब नहीं दिया गया। सीरिया जाने वाले उत्तर कोरिया के सभी नागरिकों की सूची भी नहीं मुहैया कराई गई। रिपोर्ट में इस बात का साफ जिक्र है कि अगस्त 2016 ममें उत्तर कोरिया के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम सीरिया गई। इस ट्रिप के दौरान, "सीरिया को खास प्रतिरोधी क्षमता वाले वाल्व और थर्मामीटर दिए गए, इनका इस्तेमाल रासायनिक हथियारों के प्रोग्राम में होता है।"
सीरिया ने 2013 में केमिकल वेपन्स कंवेंशन पर दस्तखत किए। संधि रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करती है। लेकिन हाल के समय में सीरिया की सेना पर विद्रोहियों के प्रभाव वाले इलाकों में रासायनिक हथियार इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों का दावा है कि पूर्वी घूटा में कई घायलों में क्लोरीन हमले से मिलते जुलते लक्षण सामने आए हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन की कंपनी चेंग टोंग ट्रेंडिंग लिमिटेड ने 2016 और 2017 में दमिश्क स्थित एक कंपनी को कई कंटेनर भेजे। 13 कंटेनरों में "एसिड प्रतिरोधी टाइलें" थीं। आम तौर पर इन टाइलों का इस्तेमाल रासायनिक हथियारों की फैक्ट्री बनाने के लिए किया जाता है। 13 कंटेनरों जितनी टाइलों मे 5,000 वर्ग मीटर के इलाके को कवर किया जा सकता है। इसके अलावा उत्तर कोरिया की कंपनी पर सीरिया को 1,00,000 डॉलर से ज्यादा की फाइबर ऑप्टिकल वायर बेचने के आरोप भी लगे हैं।