अतिरिक्त काम से कैसे करें इनकार

शनिवार, 6 दिसंबर 2014 (12:35 IST)
नौकरी में स्वस्थ बने रहने का मतलब कभी कभी अतिरिक्त काम से इनकार कर देना है। अत्यधिक काम करने वाले देश जर्मनी में एक करियर काउंसलर का ऐसा कहना है, जहां बेतुके काम के बोझ की शिकायतें बढ़ी हैं।

जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में स्थित कन्सल्टेंट सबीने हॉर्न के मुताबिक मालिक कर्मचारियों से ज्यादा से ज्यादा काम निकाल रहे हैं और इस जोखिम से कई लोग परिचित हो रहे हैं।

सबीने कहती हैं, 'ऐसे लोग पहले सोचते हैं कि ठीक है, मैं इस काम को भी साथ ले लेता हूं।' वे कहती हैं भले ही कई निष्पक्ष तथ्य की दृष्टि खो देते हैं, वे एक दुष्चक्र में फंस जाते हैं और इंसान द्वारा किए जाने वाले काम की तुलना में अधिक भार ले लेते हैं। सबीने कहती हैं कि यह जरूरी है कि आप खुद से सवाल करें, 'इस काम का कौन सा हिस्सा मेरे लिए है और कौन सा हिस्सा वाकई एक समस्या है जिसे मेरे बॉस को निपटाना चाहिए।'

कर्मचारियों के दिमाग में यह सीमा स्पष्ट होनी चाहिए ताकि अगर बॉस उस सीमा को पार करें तो वह उसे रोक सके। कर्मचारियों के लिए सबसे पहला कदम यह हो सकता है कि वह यह विचार करे कि कौन से अतिरिक्त कार्य करने की क्षमता वे रखते हैं और यह पता लगाना कि उनके बॉस के पास काम कराने के कानूनी रूप से क्या अधिकार हैं।

दूसरी चीज ये है कि कर्मचारियों को सचेत रहना चाहिए कि वे काम के घंटे के बाद क्या करने की अपेक्षा रखते हैं, उदाहरण के लिए परिवार के साथ समय बिताना या फिर कोई खेल खेलना। अगली बार जब बॉस अतिरिक्त कार्य बोझ देता है तो कर्मचारी यह निर्धारित कर सकता है कि क्या उसके द्वारा तय काम से कहीं ज्यादा तो नहीं है और क्या वह काम कहीं उसकी निजी जिंदगी में दखल तो नहीं दे रहा है।

तीसरा कदम साफ शब्दों में 'नहीं' कहना हो सकता है। कई लोग ऐसा करने के अनिच्छुक हो सकते हैं क्योंकि वे ऐसा सोच सकते हैं कि उन्हें इसकी सजा मिल सकती है। साथ ही सबीने कहती हैं कि ऐसी आशंकाएं अक्सर निराधार होती हैं। अपने डर से बाहर आने का एक ही रास्ता है और वह यह जांचना है कि जब आप 'ना' कहते हैं तो होता क्या है।

- एए/एजेए (डीपीए)

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