दुनिया के सबसे खुशहाल देश फिनलैंड की राजनीतिक व्यवस्था
गुरुवार, 16 मई 2019 (11:25 IST)
द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की कब्जे की कोशिशों को नाकाम करने वाला फिनलैंड शीतयुद्ध के दौर में तटस्थ रहा। वह 1995 से यूरोपीय संघ का सदस्य है और 1999 में यूरो जोन में है।
दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड भी यूरोपीय संघ का सदस्य है। करीब 55 लाख की जनसंख्या वाले फिनलैंड का क्षेत्रफल 3,38,145 वर्ग किलोमीटर है। फिनलैंड 1917 तक रूस के शासन में था। 1917 में रूस में क्रांति के बाद उसने स्वयं को आजाद घोषित कर दिया। वहां 1906 में महिलाओं और पुरुष दोनों को मतदान और चुनाव लड़ने का अधिकार दे दिया गया था। फिनलैंड लैंगिक समानता अपनाने वाला दुनिया का पहला देश बना।
हालांकि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सोवियत संघ ने फिनलैंड पर कब्जा करने की कई कोशिश की। कुछ इलाकों को हारने के बावजूद फिनलैंड ने अपनी स्वतंत्रता बरकरार रखी। फिनलैंड 1955 में संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना और तटस्थ रहने की घोषणा की। फिर भी शीत युद्ध के खत्म होने तक यहां रूस का बहुत प्रभाव रहा। अभी फिनलैंड एक लोकतांत्रिक देश है। 2014 में यूरोपीय संसद में 13 सदस्य भेजने वाला फिनलैंड इस बार 14 सदस्य भेजेगा।
फिनलैंड की राजनीतिक व्यवस्था
फिनलैंड में संसद की एक सदनीय व्यवस्था है। यहां राष्ट्रपति देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है। राष्ट्रपति का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है। यह चुनाव दो चरणों में हो सकता है। दो से अधिक उम्मीदवार होने पर अगर पहले राउंड में किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिलते तो शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच दूसरे चरण का चुनाव होता है। दूसरे चरण में 50 प्रतिशत से अधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है। प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। वो संसद में बहुमत प्राप्त पार्टी या गठबंधन का नेता होता है।
फिनलैंड की संसद में 200 सांसद हैं। संसद का कार्यकाल चार साल होता है। राष्ट्रपति का कार्यकाल छह साल का है। संसद का चुनाव समानुपातिक प्रतिनिधित्व से होता है। जिस पार्टी को चुनाव में जितने वोट मिलते हैं उस पार्टी को उसी अनुपात में सीटें मिल जाती हैं। बहुमत 101 सीटों पर होता है। 18 साल से अधिक उम्र का हर नागरिक मतदान कर सकता है। कम जनसंख्या और सरकारी नीतियों के सही निष्पादन से फिनलैंड विश्व खुशहाली इंडेक्स में पहले पायदान पर है। यहां पर क्राइम भी सबसे कम माना जाता है।
प्रमुख राजनीतिक पार्टियां
फिनलैंड की प्रमुख संसदीय राजनीतिक पार्टियों में मध्यमार्गी सेंटर पार्टी, उदारवादी नेशनल कोएलिशन पार्टी, समाजवादी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी, रूढ़िवादी ब्लू रिफॉर्म पार्टी, दक्षिणपंथी पार्टी फिंस पार्टी और पर्यावरण समर्थक ग्रीन पार्टी प्रमुख हैं। फिलहाल सेंटर पार्टी के यूहा सिपिला प्रधानमंत्री और नेशनल कोएलिशन के पेत्तेरी ओर्पो राष्ट्रपति हैं।
भारत के साथ संबंध
भारत और फिनलैंड के संबंध परंपरागत रूप से दोस्ताना रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू पहले भारतीय नेता थे जिन्होंने 1957 में फिनलैंड का दौरा किया था। उसके बाद वहां जाने वाले नेताओं में इंदिरा गांधी, मनमोहन सिंह के अलावा राष्ट्रपति वीवी गिरी और आर वेंकटरामन ने फिनलैंड का दौरा किया है। फिनलैंड के प्रधानमंत्री यूहा सिपिला मेक इन इंडिया वीक के लिए 2016 में भारत गए थे।
हालांकि दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार 1.5 अरब डॉलर का है लेकिन हाल के सालों में पारस्परिक संबंधों में व्यापकता आई है। दोनों देश विज्ञान के क्षेत्र में शोध और एक दूसरे देश में निवेश में गहरा सहयोग कर रहे हैं। हालांकि फिनलैंड में करीब 12,000 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं, लेकिन वहां बहुत सारे डांस और योग स्कूल हैं। 2018 में हेलसिंकी में आयोजित भारत दिवस में करीब 10,000 लोगों ने हिस्सा लिया था।