100 में से 99 लड़कियां यौन उत्पीड़न पर रहती हैं खामोश
सोमवार, 6 नवंबर 2017 (11:42 IST)
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि दुनिया भर में 1.5 करोड़ ऐसी किशारियां हैं जिनके साथ उनके पार्टनर, रिश्तेदार या दोस्तों ने जबरदस्ती सेक्स किया, लेकिन इनमें से सिर्फ एक फीसदी लड़कियों ने मदद मांगी।
संयुक्त राष्ट्र की बाल संस्था यूनिसेफ ने 40 से ज्यादा देशों के आंकड़े जमा किये और पाया कि अफ्रीकी देश कैमरून में यौन हिंसा की दर सबसे ज्यादा है। वहां हर छह किशोरियों में से एक को सेक्स के लिए मजबूर किया गया है। इस बारे में रिपोर्ट तैयार करने वाली क्लाउडिया कापा ने बताया, "लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा के पीछे यह सोच काम करती हैं कि पुरुष महिलाओं को जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकता है।"
ऐसे ज्यादातर मामलों में यौन शोषण करना वाला पीड़िता का परिचित ही होता है। इस तरह के यौन अपराधों के पीछे ज्यादातर पतियों, बॉयफ्रेंडों, परिवार के सदस्यों, दोस्तों और सहपाठियों का हाथ होता है। यूनिसेफ का कहना है कि किशोर लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में भी बाधा बन सकती है। इन लक्ष्यों के तहत 2030 तक गरीबी, भूख और लैंगिक असमानता को खत्म करने के साथ साथ धरती को भी बचाना है।
रिपोर्ट कहती हैं कि जिन लड़कियों को सेक्स के लिए मजबूर किया गया, उनकी तादाद 1.5 करोड़ से बहुत ज्यादा हो सकती है क्योंकि बहुत सी लड़कियां इस बारे में किसी को बताना ही नहीं चाहती है। इसके अलावा 1.5 करोड़ के आंकड़े में बहुत से देशों का डाटा शामिल नहीं है।
इन अपराधों में डॉमिनिकन रिपब्लिक में पर्यटन उद्योग में बच्चों के यौन शोषण से लेकर फिलीपींस में ऑनलाइन सेक्स अपराधों के मामले भी शामिल हैं। रिपोर्ट में अफ्रीकी देश मलावी में इस हिंसा से निपटने के लिए चलाये जा रहे प्रोजेक्टों का भी जिक्र है। वहां बच्चों को स्कूलों में आत्मरक्षा के उपाय सिखाये जा रहे हैं।
यूनिसेफ का कहना है कि बच्चों को बचाने के लिए बेहतर कानूनों की जरूरत है। इसके अलावा सामाजिक सेवाओं से भी समर्थन की दरकार है, तभी हालात में कुछ बेहतरी की उम्मीद की जा सकती है। कापा कहती हैं, "सरकार के साथ मिलकर बनायी गयी ऐसी योजनाएं खासी सफल रही हैं जिनमें शिक्षा और न्यायपालिका जैसे विभिन्न क्षेत्रों को साथ लाया गया है।"
हाल ही में अमेरिका के एक बड़े फिल्मकार हार्वे वाइनश्टाइन पर कई अभिनेत्रियों ने यौन शोषण के आरोप लगाये, जिसके बाद फेसबुक और ट्विटर पर दुनिया भर की महिलाओं ने #MeToo के साथ यौन उत्पीड़न के अपने अनुभवों को साझा किया है। हालांकि वाइनस्टाइन का कहना है कि उन्होंने किसी भी महिला के साथ उसकी रजामंदी के बिना शारीरिक संबंध कायम नहीं किये।