अंतरिक्ष से धड़ाधड़ गिर रहे हैं स्पेसएक्स के सेटेलाइट

DW

शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022 (07:47 IST)
स्पेस एक्स की नई फ्लीट के सेटेलाइट सौर आंधी में फंसने के बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल गए हैं। पिछले हफ्ते ही कंपनी ने अंतरिक्ष में 49 उपग्रह भेजे थे।
 
स्पेसएक्स ने खबर दी है कि 49 में से 40 सेटेलाइट या तो पृथ्वी की कक्षा से निकल कर वापस वातावरण में आकर जल गए हैं या फिर ऐसा करने वालें हैं। कंपनी के मुताबिक शुक्रवार को आई एक भूचुंबकीय आंधी ने वातावरण को ज्यादा घना कर दिया है। इसकी वजह से स्टारलिंक सेटेलाइट वातावरण की ओर जा रहे हैं।
 
कंपनी का कहना है कि जमीन पर मौजूद नियंत्रण केंद्र से उन्हें एक तरह के हाइबरनेशन में भेजने और फिर इस तरह से उड़ाने की कोशिश की गई जिससे कि वातावरण के खिंचाव के असर को कम किया जा सके। हालांकि यह खिंचाव इतना ज्यादा था कि सेटेलाइटों को दोबारा सक्रिय नहीं किया जा सका। उन्हें और ज्यादा स्थिर कक्षा में ले जाने की कोशिश भी नाकाम हो गई।
 
स्पेसएक्स के पास अब भी करीब 2,000 स्टारलिंक सेटेलाइट हैं जो पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं और धरती के दूरदराज के हिस्सों में इंटरनेट की सेवा मुहैया करा रहे हैं। ये सेटेलाइट पृथ्वी से करीब 550 किलोमीटर दूर रह उसकी परिक्रमा करते हैं।
 
आंधी की चपेट में आने वाले सेटेलाइट फिलहाल तात्कालिक स्थिति में थे। स्पेसएक्स ने जानबूझ कर उन्हें निचली कक्षा में लॉन्च किया था ताकि कोई भी सेटेलाइट बेकार होने पर उसे तुरंत पृथ्वी के वातावरण में वापस खींचा जा सके और वह किसी अंतरिक्षयान के लिए खतराना बने। कंपनी का कहना है कि वातावरण में गिर रहे इन सेटेलाइटों से कोई खतरा नहीं है। ना तो धरती पर और ना ही पृथ्वी की कक्षा में। हर सेटेलाइट का वजन करीब 260 किलोग्राम है।
 
स्पेसएक्स ने सेटेलाइटों के साथ हुए इस हादसे को "अनोखी स्थिति" कहा है। इस तरह की भूचुंबकीय आंधी सूरज के धधकने जैसी तीव्र सौर गतिविधियों के कारण आती है। इसमें सूरज के परिमंडल से निकले प्लाज्मा का प्रवाह अंतरिक्ष और धरती की ओर होता है।
 
2019 में इलॉन मस्क ने पहली बार स्टारलिंक सेटेलाइट लॉन्च किए थे। इलॉन मस्क ने ऐसे हजारों सेटेलाइट भेज कर इंटरनेट की सेवा को विस्तार देने की योजना बनाई है। स्पेसएक्स फिलहाल टोंगा में इंटरनेट की सेवा बहाल करने पर काम कर रहा है। यहां सूनामी और ज्वालामुखी विस्फोट के कारण इंटरनेट की सेवा बंद हो गई है।
 
लंदन की कंपनी वनवेब के पास अपना इंटरनेट सेटेलाइट वहां है। दूसरी तरफ एमेजॉन इस साल अपना सेटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रही है। अंतरिक्षविज्ञानी इस बात से चिंता में हैं कि बड़ी संख्या में इस तरह के पुंज रात के वक्त अंतरिक्ष पर धरती से नजर रखने की प्रक्रिया को मिटा देंगे। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ घने आकाश के संरक्षण के लिए एक नया केंद्र बना रहा है।
 
एनआर/आईबी (एपी)

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