प्रशांत सागर के तट से करीब 70 किलोमीटर दूर टोक्यो के दक्षिण में मिनामीबोसो में व्हेल के शिकार को यहां के लोग विरासत मानते हैं और इस कथित विरासत के निशान यहां से ज्यादा शायद ही कहीं और मिलें।
400 पुराना कारोबार
व्हेल के मांस का कारोबार करने वाली मुट्ठीभर कंपनियों में से एक गाइबो होगेई के कर्मचारी। ये लोग मानते हैं कि स्थानीय स्तर पर व्हेल उद्योग सिमट गया है। हालांकि अब भी यह इस शहर का एक "अटूट" हिस्सा है खासतौर से गर्मियों के मौसम में। यहां व्हेल के मांस का उद्योग 400 सालों से चला आ रहा है।
टुकड़े टुकड़े होगी व्हेल
गाइबो होगेइ स्थानीय लोगों और सैलानियों को व्हेल की कटाई छंटाई देखने का मौका देता है। इसके फार्म में खास चाकुओं की मदद से व्हेल की मोटी खाल उतारी जाती है और मांस के टुकड़े किए जाते हैं। स्कूली बच्चे भी सागर किनारे मौजूद फार्म में व्हेल का कटना देखने आते हैं।
व्हेल का कत्लखाना
सागर से व्हेल को पकड़ने के बाद उन्हें इस जगह लाया जाता है जहां कंपनी के कर्मचारी उनके छोटे छोटे टुकड़े करते हैं। व्हेल के टुकड़ों में से कुछ ताजे तो कुछ सुखा कर बेचे जाते है।
गरीबी का भोजन
जापान कई सदियों से व्हेल का शिकार करता आ रहा है। व्हेल का मांस दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बेहद गरीबी में बीते दिनों में वहां के लोगों के लिए प्रोटीन जुटाने का सबसे आसान तरीका रहा है। हालांकि बीते दशकों में यहां इसकी खपत काफी कम हुई है। ज्यादातर लोग यही कहते हैं कि वो व्हेल का मांस कभी विरले या फिर कभी नहीं खाते।
जापानी लोगों का समर्थन
जनवरी में जापान के सरकारी प्रसारक एनएचके के कराए सर्वे में 53 फीसदी लोगों ने आईडब्ल्यूसी से निकलने के फैसले का समर्थन किया जबकि 37 फीसदी लोग ही इसके विरोध में थे। जापान ने मिन्के और दूसरे व्हेलों के कारोबारी शिकार पर आगे बढ़ने की बात कही है। हालांकि ज्यादा विवादित अंटार्कटिक के सालाना दौरों पर रोक लगाने का एलान भी किया है।
अंतरराष्ट्रीय संधि से बाहर आया जापान
गाइबो होगेई के प्रमुख योशिनोरी शोजी जापान के आईडब्ल्यूसी से बाहर आने के फैसले को "पूरी तरह सही" मानते हैं। जापान ने दिसंबर में इस संगठन से बाहर आने का एलान किया। संगठन दुनिया भर में व्हेल के कारोबार पर रोक लगाने के लिए काम करता है।
मिन्के व्हेल का शिकार
2019 के जून में जब जापान आधिकारिक रूप से संगठन से बाहर होगा तब मिन्के व्हेल का भी कारोबार देश में शुरू हो जाएगा। फिलहाल इस पर रोक है और योशिनोरी शोजी उसी वक्त के इंतजार में हैं। मिन्के व्हेल के कारोबार पर फिलहाल आईडब्ल्यूसी के सदस्य देशों में रोक है।
व्हेल के लिए पांच बंदरगाह
गाइबो होगेइ हर साल 26 विशाल चोंच वाली व्हेलों का शिकार करती है। इन व्हेलों को इंटरनेशनल व्हेलिंग कमीशन (आईडब्ल्यूसी) में शामिल नहीं किया गया है हालांकि उन्हें स्थानीय कोटे का पालन करना होता है। कंपनी व्हेलों को वाडा पोर्ट पर लाती है। जापान में ऐसे पांच पोर्ट हैं जहां व्हेल उतारी जाती हैं।
जापान की आलोचना
जापान के फैसले की पर्यावरणवादियों और व्हेल के शिकार का विरोध करने वाले ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा जैसे देशों ने कड़ी आलोचना की है। आमतौर पर जापान से इस तरह के भड़काऊ कूटनीति की उम्मीद नहीं रहती है। तस्वीर में व्हेल के शिकार का एक हथियार दिख रहा है।
वैज्ञानिक रिसर्च या शिकार
अंटार्कटिक में वैज्ञानिक रिसर्च के बहाने से पकड़ी गई ज्यादातर व्हेलें स्थानीय मिलामिबोसो में रहने वाले लोगों की प्लेट में पहुंच जाती थीं। स्थानीय लोग व्हेल को खाने में शामिल करने पर फख्र महसूस करते हैं और इसे "अपने इलाके की खासियत" मानते हैं।