1. जिसके हाथों की अगुलियां समकोण, लंबी और गांठ वाली हों तथा उनका प्रथम एवं द्वितीय पर्व सुदृढ़ हो, साथ ही हथेली पतली व मस्तक रेखा सीधी व लंबी हो तो ज्योतिषी योग होता है।
5. जिसके हाथ में बुधादित्य योग हो, शनि पर त्रिशूल चिह्न, गुरु पर गुरु मुद्रिका के साथ ध्वज का चिह्न, पुण्य रेखा एवं देव रेखा हो, वह देवकृपा से प्रसिद्ध भविष्यवक्ता होता है।