त्योहार का अर्थ और महत्व
'चहारशंबे' का अर्थ है बुधवार, और 'सूरी' का अर्थ है लाल रंग या आग। यह त्योहार अंधकार, बुरी शक्तियों और दुर्भाग्य को दूर कर नई शुरुआत का स्वागत करने के लिए मनाया जाता है। यह नवरोज (ईरानी नववर्ष) की तैयारियों का एक हिस्सा है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। यह त्योहार बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने का प्रतीक है। लोग घरों को साफ करते हैं और शुभता लाने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। यह रिश्तों को मजबूत करने और नई शुरुआत का जश्न मनाने का अवसर होता है।
आतिशबाज़ी, आग, रोशनी, गीत और नृत्य: कहते हैं कि नवरोज़ से पहले आखिरी बुधवार की पूर्व संध्या पर लाल बुधवार के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन रात में आकाश आतिशबाजी से जगमगा उठता है, और अलाव सड़कों पर धधकते हैं। लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं और 'तुम्हारा लाल रंग मेरे लिए, मेरा पीला रंग तुम्हारे लिए' गाते हुए आनंद लेते हैं। ये छंद इस ओर संकेत करते हैं कि आप आग को अपना पीला रंग देते हैं और उसकी गर्म ऊर्जा लेते हैं। इसमें शामिल होने के बाद, आप इसे अपनाने का फैसला कर सकते हैं। घरों और सड़कों को रोशनी से सजाया जाता है। यह उत्सव खुशियों और उल्लास का प्रतीक है। लोग आग के आसपास एकत्र होकर गीत गाते और नृत्य करते हैं। यह त्योहार समुदाय को एकजुट करता है और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देता है।