मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बीजेपी के बुजुर्ग नेताओं ने पार्टी के लिए टेंशन बढ़ा दी है। विधानसभा चुनाव में पार्टी के सामने बड़ी मुसबीत बन चुके इन नेताओं ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव के समय पार्टी के सामने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। बुंदेलखंड के बड़े नेता रामकृष्ण कुसामरिया पहले कांग्रेस का दाम थाम चुके है। वहीं चुनाव तारीखों के एलान के बाद अब इन बुजुर्ग नेताओं ने फिर टिकट की मांग तेज कर दी है।
बाबूलाल गौर की भोपाल से टिकट दावेदारी - पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूललाल गौर ने एक बार फिर खुलकर लोकसभा टिकट के लिए दावेदारी कर दी है। बाबूलाल गौर का कहना है उम्र से किसी की फिटनेस, योग्यता और सक्षमता को नहीं परखा जा सकता है। इसके साथ ही बाबूलाल अपने ही अंदाज में कहते है कि आजकल तो लोग बूढ़े ही पैदा हो रहे हैं। उनमें फिटनेस ही नहीं है और 30 से 35 साल के लोग अपने को काम के लायक नहीं समझते हैं। बाबूलाल गौर कहते हैं कि उम्र के चलते पार्टी ने टिकट देने पर जो बंधन लगाया था वो सहीं नहीं था इस नियम के चलते पार्टी के योग्य और अनुभवी नेताओं की कमी हो गई थी।
राघव जी ने बेटी के लिए विदिशा से मांगा टिकट - शिवराज कैबिनेट में वित्त मंत्री रहे है राघव जी ने बेटी ज्योति शाह के लिए टिकट की मांग की है। पार्टी दफ्तर पहुंचका राघव जी ने बीजेपी के चुनाव प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर विदिशा लोकसभा सीट से बेटी की टिकट की दावेदारी कर दी है। राघव जी ने बागवती तेवर दिखाते हुए कहा कि इस बार विदिशा में कोई बाहरी उम्मीदवार नहीं चलेगा। इससे पहले विधानसभा चुनाव के समय भी राघवजी विदिशा के श्माशाबाद सीट निर्दलीय पर्चा भर दिया था। बाद में पार्टी के मानने पर वो चुनावी मैदान से हट गए थे।
रघुनंदन शर्मा मंदसौर से टिकट दावेदार – बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने मंदसौर से चुनाव लड़ने की इच्छा पार्टी संगठन के सामने जताई है। रघुनंदन शर्मा कहते हैं कि पिछले बार उनको भरोसा देकर भी टिकट नहीं दिया गया। विधानसभा चुनाव में हार के लिए रघुनंदन शर्मा ने टिकट बंटवारे को जिम्मेदार ठहराया था।
खजुराहो या दमोह से टिकट चाहती हैं कुसुम मेहदले – शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री रही कुसुम मेहदेल ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी कर दी है। कुसम मेहदले पार्टी के सामने खजुराहो या दमोह से टिकट की दावेदारी कर चुकी है। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कुसुम मेहदले का टिकट काट दिया था, जिसके बाद समय समय पर कुसुम मेहदले सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी दिखाती रही है।