बादल पर निशाना : दूसरी ओर, सिंह ने बादल परिवार पर अकाल तख्त का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति जो समुदायिक संस्था का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए करता है वह सिख नहीं है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी केवलसिंह ढिल्लों के नामांकन दाखिल करने से पूर्व एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म का ऐसा राजनीतिकरण शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को नुकसान ही पहुंचाएगा।
उन्होंने कहा कि अकाली खुद को सिख धर्म का संरक्षक बताते हैं पर हमेशा इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक हितों के लिए करते हैं। सिंह ने कहा कि महाराजा रंजीतसिंह भी अकाल तख्त के सामने मात्था टेकते थे और उन्होंने अपनी सजा भुगती, लेकिन दूसरी तरफ बादल अपने राजनीतिक हित साधने के लिए जत्थेदार को बुलाते और निर्देश देते हैं, जिससे उन्होंने तख्त की गरिमा को चोट पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म को ऐसे स्वार्थी तत्वों से बचाने की जरूरत है।