हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह कोयले के गायब होने को सही ठहराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि अभी तक यह निर्धारित करने के लिए कोई निर्णायक सबूत नहीं है कि यह नुकसान प्राकृतिक कारणों से हुआ था या किसी अवैध गतिविधि के कारण।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई को राजाजू और डिएंगन गांवों से कोयले के गायब होने पर राज्य सरकार की खिंचाई की थी और उसे अवैध रूप से कोयला उठाने के ज़िम्मेदार लोगों का पता लगाने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जिनपे कोयले की निगरानी का जिम्मा था।