जब उन्हें यह बताया गया कि इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने स्थानीय मुद्दों पर बहस करने के लिए देओल को आमंत्रित किया है तो धर्मेन्द्र ने कहा कि हम यहां बहस करने नहीं आए हैं, बल्कि लोगों के दर्द को सुनने अवश्य आए है।
धर्मेन्द्र ने कहा कि सुनील जाखड़ उनके बेटे की तरह हैं, क्योंकि उनके पिता और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष बलराम जाखड़ के साथ उनके अच्छे संबंध थे। उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों में राजस्थान की चुरू सीट से बलराम जाखड़ के खिलाफ चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद धर्मेन्द्र ने भाजपा के टिकट पर बीकानेर सीट से चुनाव लड़ा था।
धर्मेन्द्र ने कहा कि मैं मुंबई से सनी का रोड शो देख रहा था और रोड शो में बहुत भारी भीड़ थी। मैं भावुक हो गया था। मैं जानता हूं कि लोग हमें प्यार करते हैं लेकिन मैं इतना प्यार देखकर हैरान था। उन्हें एक बार भाजपा द्वारा पटियाला सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था।