दावा किया जा रहा है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय चुनाव आयोग से कहेगा की नमो टीवी चैनल नहीं, बल्कि सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म है। नमो टीवी पर आनेवाला खर्च बीजेपी के खाते में जुड़ेगा और इसकी जानकारी चुनाव आयोग की सालाना ऑडिट रिपोर्ट में दी जाएगी।