जमशेदपुर। झारखंड की प्रतिष्ठित जमशेदपुर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए 2014 की जीत को दोहराना कठिन होगा और उसे विपक्षी गठबंधन से कड़ी टक्कर मिल सकती है। इस सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद बिद्युत बरन महतो को दोबारा टिकट दिया है। वहीं, विपक्षी गठबंधन की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने सरायकेला से मौजूदा विधायक चंपई सोरेन को उम्मीदवार बनाया है।
देश की पहली और बड़ी औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में महतो ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के तत्कालीन सांसद अजय कुमार को करीब एक लाख मतों से पराजित किया था। कुल 10 लाख 49 हजार 783 मत पड़े थे जिनमें भाजपा के खाते में चार लाख 64 हजार153 और जेवीएम के खाते में तीन लाख 64 हजार 277 मत गए थे। उस चुनाव में जेएमएम तीसरे स्थान पर रही थी और उसके उम्मीदवार निरूप महंती को एक लाख 38 हजार 109 मत मिले थे।
इस बार के चुनाव की खासियत यह है कि कुमार जेवीएम छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और इस समय झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। शहर में उनकी खासी लोकप्रियता है। इस प्रकार इस बार जेएमएम के पारंपरिक जनजातीय वोट के साथ बड़ी संख्या में बाहर से आकर रोजी के लिए यहाँ बसने वाले विभिन्न राज्यों के लोगों का वोट भी उसके पक्ष में जा सकता है।
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी श्री कुमार 1994 से 1996 में जमशेदपुर के पुलिस अधीक्षक रहे थे और शहर में उस समय जारी गैंगवार समाप्त करने के लिए उन्हें जाना जाता है। इसके बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़कर टाटा मोटर्स, जमशेदपुर में वरिष्ठ कार्यकारी का पद स्वीकार कर लिया। बाद में टाटा मोटर्स छोड़कर वह राजनीति में आ गए। वर्ष 2011 में भाजपा सांसद अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में वह जेवीएम उम्मीदवार के रूप में विजयी रहे थे।
लौहनगरी जमशेदपुर की सीट पर पारंपरिक रूप से मजदूर नेताओं या जनजातीय नेताओं का कब्जा रहा है। हालांकि, वर्ष 2011 के उपचुनाव में श्री कुमार और 1996 के चुनाव में टीवी सीरियल महाभारत में भगवान कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नितीश भारद्वाज इस सीट पर जीत चुके हैं।
यह सीट पहली बार 1957 के चुनाव में अस्तित्व में आई और कांग्रेस के मोहिंद्र कुमार घोष विजयी यहां से विजयी हुए थे। उसके बाद 1962 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, 1967 और 1971 में कांग्रेस, 1977 में भारतीय लोकदल, 1980 में जनता पार्टी, 1984 में कांग्रेस, 1989 और 1991 में जेएमएम, 1996, 1998 और 1999 में भाजपा, 2004 में और 2007 के उपचुनाव में जेएमएम, 2009 में भाजपा, 2011 के उपचुनाव में जेवीएम और 2014 में भाजपा ने यहां अपना परचम लहराया है। (वार्ता)