सिन्हा ने कहा कि परिवर्तन से उम्मीदें जगी थीं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पार्टी में बड़े नेताओं को दरकिनार कर दिया है। दिग्गज नेताओं को उठाकर मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में मंत्री भी डरे और सहमे हुए हैं। सरकार के सभी फैसले पीएमओ से ही लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा में लोकशाही तानाशाही में बदल गई है। सिन्हा ने कहा कि व्यक्ति से बड़ी पार्टी होती है और पार्टी से बड़ा देश होता है। मैंने जो भी बातें कहीं, हमेशा देशहित में कही थीं। मैंने अपने लिए कभी भी कुछ नहीं मांगा, लेकिन भाजपा में बातें नहीं सुनी जातीं। विरोधियों को दुश्मन की तरह देखा जाता है।
सिन्हा ने कहा कि आडवाणी लेकर मुरली मनोहर जोशी, जसवंतसिंह, अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा जैसे बड़े नेताओं को किनारे कर दिया। उन्होंने कहा कि श्रीमती सुमित्रा महाजन के साथ भी सही नहीं हुआ। सिन्हा ने कहा कि सच कहना बगावत है तो समझो हम बागी हैं।