fake video of Amit Shah : गुजरात की अहमदाबाद पुलिस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) का फर्जी वीडियो (fake video) साझा करने के आरोप में कांग्रेस के एक नेता और आम आदमी पार्टी (आप) के एक पदाधिकारी को गिरफ्तार (arrested) किया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इस फर्जी वीडियो में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता शाह कथित तौर पर अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण अधिकारों को खत्म करने की घोषणा करते नजर आ रहे हैं।
सतीश वंसोला और राकेश बारिया को गिरफ्तार किया : पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अहमदाबाद साइबर अपराध प्रकोष्ठ ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनकी पहचान बनासकांठा के पालनपुर निवासी सतीश वंसोला और दाहोद जिले के लिमखेड़ा शहर से राकेश बारिया के रूप में हुई है।
इसमें कहा गया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वंसोला पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी के निजी सहायक (पीए) के रूप में काम कर रहे हैं जबकि बारिया पिछले 4 वर्ष से आप की दाहोद इकाई के अध्यक्ष हैं। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले वंसोला बनासकांठा जिला कांग्रेस के महासचिव भी हैं।
अमित शाह के वीडियो को फेसबुक पर साझा किया था : विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (विभिन्न समूहों में वैमनस्य को बढ़ावा देना), धारा 505 (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) लवीना सिन्हा ने कहा कि दोनों आरोपियों ने अमित शाह के संपादित वीडियो को अपने फेसबुक पेज पर साझा किया था। उन्हें यह वीडियो उनके व्हॉट्सएप पर मिला और उस व्यक्ति को पकड़ने के लिए जांच अभी भी जारी है जिसने इस वीडियो को संपादित किया था।
क्या बोले कांग्रेस नेता मेवाणी? : वंसोला की गिरफ्तारी के बाद मेवाणी ने कहा कि बनासकांठा और पाटन लोकसभा सीटों के दलित मतदान के दौरान इस कार्रवाई को ध्यान में रखेंगे। कांग्रेस नेता मेवाणी ने कहा कि सतीश सिर्फ मेरे पीए नहीं हैं, वह मेरे भाई जैसे हैं। भाजपा का आईटी सेल लंबे समय से फर्जी वीडियो फैला रहा है लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय सतीश जैसे एक आम आदमी को गिरफ्तार कर लिया है जिसने गलती से यह वीडियो साझा किया था।
छत्तरपुर में युवा कांग्रेस नेता से पूछताछ : दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के एक दल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक फर्जी वीडियो को लेकर मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के एक युवा कांग्रेस नेता से मंगलवार को पूछताछ की। पुलिस ने यह जानकारी दी। युवा कांग्रेस 'आईटी सेल' के जिला संयोजक उमाशंकर पटेल ने वीडियो ऑनलाइन साझा किया था जिसमें शाह कथित तौर पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण अधिकारों में कटौती के बारे में बोलते हुए दिख रहे हैं।
छतरपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमन जैन ने बताया कि विशेष शाखा का दल राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज वीडियो से संबंधित एक मामले की जांच के लिए शहर में आया था। जैन ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने दल की सहायता की। पटेल ने कहा कि उन्होंने वीडियो का एक संपादित संस्करण साझा किया था जिसे किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
वीडियो की प्रामाणिकता के बारे में अनभिज्ञता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जब किसी ने उन्हें बताया कि इससे उनके खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है तो बाद वीडियो को हटा दिया। युवा कांग्रेस पदाधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस का दल उन्हें नोटिस देने आया था और उन्हें 6 मई को राष्ट्रीय राजधानी बुलाया है। पटेल ने बताया कि वीडियो कहां से आया, इस बारे में पुलिस दल ने उनसे पूछताछ की। (भाषा) Edited by: Ravindra Gupta