अभिषेक मनु सिंघवी का दावा- चुनाव आयोग का हुआ पर्दाफाश, खतरे में है लोकतंत्र

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 23 मई 2024 (20:20 IST)
Abhishek Manu Singhvi's claim regarding voting percentage data : कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निर्वाचन आयोग के पत्र तथा मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत डेटा वेबसाइट पर डालने से आयोग के इनकार का हवाला देते हुए गुरुवार को कहा कि इस संवैधानिक संस्था के कदम भर्त्सना योग्य हैं तथा इससे उसका पर्दाफाश होता है।
 
चुनावी मशीनरी में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाएगी : पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि अगर निर्वाचन आयोग जैसी संस्था सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ इस तरह से झुक जाएगी तो इसका यह मतलब है कि लोकतंत्र खतरे में है। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत डेटा को बिना सोचे-समझे जारी करने और वेबसाइट पर पोस्ट करने से चुनावी मशीनरी में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाएगी, जो इस समय लोकसभा चुनाव में व्यस्त है।
ALSO READ: कौन दे रहा है अरविंद केजरीवाल को हमले की धमकी, बौखलाई AAP ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
आयोग ने कहा कि एक मतदान केंद्र में डाले गए वोटों की संख्या बताने वाले फॉर्म 17सी का विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता और और इससे पूरे चुनावी तंत्र में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है क्योंकि इससे तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की संभावना बढ़ जाती है।
 
सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी सकती : साथ ही निर्वाचन आयोग ने बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव में जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने से बचने की नसीहत दी और कहा कि चुनावों में देश के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी सकती।
ALSO READ: 8 बार डाला वोट, वायरल वीडियो पर अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से पूछा सवाल
वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने इन दोनों विषयों पर कहा, चुनाव आयोग द्वारा कहा गया कि सभी को हिदायत है कि सांप्रदायिक न हों। हमारी शिकायत के बावजूद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का चुनाव आयोग के किसी दस्तावेज में नाम नहीं लिया गया। आयोग ने किसी को भी चेतावनी नहीं दी और न ही कोई प्रतिबंध लगाया और न ही कोई दोषारोपण किया गया।
 
ये चीजें संवैधानिक स्तर की उच्चस्तरीय संस्था को शोभा नहीं देती : उनका कहना था, चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों के अध्यक्ष को लिखा कि आप अपने स्टार प्रचारकों को कहें कि वे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न करें। ये सारी चीजें संवैधानिक स्तर की उच्चस्तरीय संस्था को शोभा नहीं देती हैं। ये संस्था के संवैधानिक उत्तरदायित्वों के खिलाफ है।
ALSO READ: Lok Sabha Elections : मतदान के आंकड़े 48 घंटे के भीतर जारी करने की मांग, Supreme Court ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग है, किसी पार्टी का चुनाव एजेंट नहीं है। सिंघवी ने दावा किया, हम अचंभित हैं कि जब कोई संवैधानिक संस्था संविधान का पालन नहीं करती और वो सत्ता की ओर झुकाव दिखाती हैं तो समझ लेना चाहिए कि लोकतंत्र खतरे में है।
 
लेकिन इसका विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण है : कांग्रेस नेता के मुताबिक, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा के नेताओं की तरफ से खुलेआम सांप्रदायिक बयान दिए जाते हैं और उसकी तुलना कांग्रेस के नेताओं के बयानों से की जाती हैं। उन्होंने कहा, अच्छा होता कि निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान केंद्र-वार आंकड़े दिए जाएं, लेकिन इसका विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण है, भर्त्सना योग्य है। सिंघवी ने कहा कि इससे निर्वाचन आयोग का पर्दाफाश होता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी