कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भरत सिंह सोलंकी ने मंगलवार को कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव न लड़कर, पार्टी के पक्ष में प्रचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। कांग्रेस की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष सोलंकी (70) ने हालांकि यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, वह उसे स्वीकार करेंगे।
पूर्व लोकसभा सदस्य ने एक्स पर लिखा, “कांग्रेस पार्टी ने दशकों से मुझे और मेरे परिवार को बहुत कुछ दिया है। जम्मू-कश्मीर के एआईसीसी प्रभारी रूप में अपनी वर्तमान जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए और गुजरात में पार्टी के लिए प्रभावी ढंग से प्रचार करने के लिए मैं आलाकमान को यह चुनाव नहीं लड़ने की अपनी इच्छा से विनम्रतापूर्वक अवगत कराता हूं।”
उन्होंने लिखा, “फिर भी कांग्रेस का आजीवन सिपाही होने के नाते केन्द्रीय नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, उसे स्वीकार करूंगा।”
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी के बेटे भरत सिंह सोलंकी ने 2004 और 2009 में गुजरात की आणंद लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए)-2 सरकार में केंद्रीय बिजली और रेलवे राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 2015 से 2018 तक कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष रहे।
साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में, उन्हें भाजपा उम्मीदवारों के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।वर्ष 2019 में आणंद सीट पर भाजपा के मितेश पटेल ने भरतसिंह सोलंकी को 1.97 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था।