नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी खातों को फ्रीज करने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनाव सिर पर है और हमारे पास रेल टिकट खरीदने के भी पैसे नहीं है। संवैधानिक संस्थाएं इस मामले में चुप है और तमाशा देश रही है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि देश में लोकतंत्र नहीं बचा है और कांग्रेस पार्टी के खातों को नहीं बल्कि लोकतंत्र को फ्रीज कर दिया गया है। कांग्रेस नेता ने संवैधानिक संस्थाओं से अपील की कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कांग्रेस को बैंक खातों से लेनदेन की अनुमति दी जाए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते करीब एक महीने पहले फ्रीज कर दिए गए। कांग्रेस को देश की 20% जनता वोट देती है, लेकिन आज हम रेल टिकट नहीं खरीद सकते, हम विज्ञापन नहीं दे सकते। 14 लाख रुपए का मामला है और 200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है, जिसपर ज्यादा से ज्यादा 10 हजार का जुर्माना लग सकता है। ये कांग्रेस के खिलाफ आपराधिक साजिश है, जो हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री कर रहे हैं। आज देश में लोकतंत्र नहीं बचा है।
सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। जनता से एकत्रित धन को रोका जा रहा है और हमारे खातों से जबरन पैसा छीना जा रहा है। इन सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी, हम अपने चुनाव अभियान की प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ 'चुनावी बॉण्ड' का मुद्दा है, जिसे उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक करार दिया है। जैसा कि सभी जानते हैं, चुनावी बॉण्ड से भाजपा को भारी और बड़े पैमाने पर फायदा हुआ है। दूसरी ओर, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की वित्तीय स्थिति पर लगातार हमले हो रहे हैं। हम सभी का मानना है कि यह अभूतपूर्व और अलोकतांत्रिक है।
जमकर बरसे खरगे : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकतंत्र के लिए चुनाव अनिवार्य होता है, साथ ही यह भी आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर वाली स्थिति हो। उन्होंने कहा कि ये नहीं कि जो सत्ता में हैं, संसाधनों पर उनका एकाधिकार हो और देश की संस्थाओं पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उनका नियंत्रण हो।
खरगे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस चुनावी चंदे की योजना को अवैध व असंवैधानिक कहा, उस योजना के तहत भाजपा ने हजारों-करोड़ रुपए अपने बैंक खातों में भर लिए हैं। वहीं, दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल (कांग्रेस) के बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगा दी गई, ताकि हम पैसों के अभाव में बराबरी के साथ चुनाव न लड़ पाएं। यह सत्ताधारी दल द्वारा खेला गया एक खतरनाक खेल है।