विरासत टैक्स पर घिरी कांग्रेस का पलटवार, शेयर किया जयंत सिन्हा का वीडियो, PM मोदी से पूछा सवाल

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 24 अप्रैल 2024 (23:50 IST)
Lok Sabha Elections 2024 : कांग्रेस ने अपने नेता सैम पित्रोदा के ‘विरासत कर’ संबंधी बयान को लेकर खड़े हुए राजनीतिक विवाद के बीच बुधवार को दावा किया कि विरासत कर का विचार असल में मोदी सरकार का है और 2014 में तत्कालीन वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने इसे लोगों के सामने रखा था तथा 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस विचार की प्रशंसा की थी।
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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘जेटली और सिन्हा के बयानों’ का हवाला देते हुए भाजपा पर पलटवार किया।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पर तीखा प्रहार कर रहे हैं। मोदी ने मध्य प्रदेश के सागर में एक चुनावी रैली में आरोप लगाया कि विपक्षी दल लोगों की संपत्ति छीनना चाहता है।
 
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि विरासत कर लागू करने की कांग्रेस की कोई योजना नहीं है। वास्तव में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में संपदा शुल्क को ख़त्म कर दिया था। दरअसल, यह मोदी सरकार ही है जो ऐसा करना चाहती है।
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उनका कहना था कि पहला तथ्य: मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहे जयंत सिन्हा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह 2014 में विरासत कर को लागू करना चाहते थे। दूसरा तथ्य यह है कि 2017 में ऐसी खबरें सामने आईं कि मोदी सरकार विरासत कर को फिर से लागू करने जा रही है।’’
 
उन्होंने दावा किया कि तीसरा तथ्य है कि 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विरासत कर की प्रशंसा करते हुए कहा था कि पश्चिमी देशों में इस तरह के कर से अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों को काफी मात्रा में अनुदान मिलता है। चौथा तथ्य है कि ऐसी खबरें सामने आईं थीं कि मोदी सरकार केंद्रीय बजट 2019 में विरासत कर पेश करेगी।
 
रमेश ने कहा, ‘‘यह आप पर है प्रधानमंत्री जी - इस मुद्दे पर आपकी पार्टी का रुख क्या है?’’
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‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के प्रमुख सैम पित्रोदा ने अमेरिका के ‘विरासत कर’ वाली व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा है, ‘‘अमेरिका में विरासत कर लगता है। अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसमें से केवल 45 फीसदी उसके बच्चों को मिल सकता है। शेष 55 प्रतिशत संपत्ति सरकार के पास चली जाती है।’’
 
उन्होंने आगे कहा कि भारत में ऐसा कानून नहीं है।अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता...लोगों को इस तरह के मुद्दों पर चर्चा करनी होगी। 
 
मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या होगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं, न कि केवल अति-अमीरों के हित में हैं।
 
पित्रोदा की टिप्पणी पर जब विवाद शुरू हो गया तो उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका में विरासत कर के बारे में एक व्यक्ति के रूप में मैंने जो कहा था, उसे गोदी मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है, ताकि कांग्रेस के घोषणा-पत्र के बारे में प्रधानमंत्री जो झूठ फैला रहे हैं, उससे ध्यान भटकाया जा सके। मंगल सूत्र और सोना छीनने के संबंध में प्रधानमंत्री की टिप्पणियां बिल्कुल अवास्तविक है।’’
 
उन्होंने कहा कि मैंने टेलीविजन पर अपनी सामान्य बातचीत में उदाहरण के रूप में केवल अमेरिका में अमेरिकी विरासत कर का उल्लेख किया था। क्या मैं तथ्यों को नहीं रख सकता? मैंने कहा था कि लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बातचीत और बहस करनी होगी। इसका कांग्रेस समेत किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है।’’ भाषा

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