Dinesh Sharma targeted Uddhav Thackeray : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महाराष्ट्र प्रभारी दिनेश शर्मा ने मुंबई में मंगलवार को कहा कि जिस तरह के हिन्दुत्व (hindutva) के लिए शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ता उम्मीद करते हैं कि वह अब उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा नहीं बल्कि भाजपा द्वारा अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना (UBT) ने हिन्दुत्व को ठुकराया है।
शर्मा ने यहां कहा कि 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर भारतीय जनता पार्टी को धोखा दिया तथा पार्टी का रुख हिन्दुत्व समर्थक से बदलकर राम मंदिर विरोधी बना दिया।
शिवसेना (यूबीटी) ने हिन्दुत्व को ठुकराया : भाजपा के राज्यसभा सदस्य शर्मा ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता पार्टी से जिस प्रकार के हिन्दुत्व की उम्मीद करते हैं, उस पर भाजपा चलती है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया और वह उस राह पर नहीं चलती है। यह वही कांग्रेस है जिसने एक बार अयोध्या में रामलला के अस्तित्व को ही खारिज कर दिया था।
यह चुनाव मोदी और भगवान राम के बारे में : उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे के इर्द-गिर्द केंद्रित है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव मोदी और भगवान राम के बारे में है। मैं एक बैठक में गया, जहां महिलाओं ने मुझसे कहा कि वे ऐसे व्यक्ति को चुनना चाहती हैं, जो रामलला को मंदिर में वापस लाया।
एमवीए के घटक बिखरे हुए हैं : उत्तरप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि भाजपा में उपयुक्त कमान श्रृंखला है तथा नेतृत्व एवं सहयोगी दलों के साथ सीट के बंटवारे को लेकर कोई भ्रम नहीं है। महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) में अधिकतर परिवार संचालित दल हैं और वे इस चुनाव में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एमवीए के घटक बिखरे हुए हैं तथा उनमें समन्वय नहीं है।
कांग्रेस ने डॉ. बी.आर. आंबेडकर को 2 बार हराया था : उन्होंने इस बात पर भी संतोष जताया कि प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाला वंचित बहुजन आघाडी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रहा है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने दिवंगत डॉ. बी.आर. आंबेडकर को 2 बार हराया था और उन्हें संसद आने से रोका। अब वह उनके पोते प्रकाश आंबेडकर के साथ वही बर्ताव कर रही है।
शरद पवार पर भी निशाना साधा : उन्होंने शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह राष्ट्रवादी नहीं बल्कि 'अवसरवादी' पार्टी है। शर्मा ने कहा कि इस उम्र में पवार को पद छोड़ देना चाहिए था और 'संन्यास' ले लेना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया।(भाषा)