Mamata Banerjee against one country, one election : तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव (Lok Sabha and Assembly elections) एक साथ कराने की अवधारणा पर असहमति जताते हुए गुरुवार को 'एक देश, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखकर कहा कि यह भारत के संवैधानिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ होगा।
ममता ने लिखा समिति के सचिव को पत्र : समिति के सचिव को लिखे पत्र में ममता ने कहा कि 1952 में केंद्र और राज्य स्तर पर एक साथ पहली बार आम चुनाव कराए गए थे। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों तक इस तरह से चला लेकिन बाद में यह प्रक्रिया टूट गई। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे खेद है कि मैं आपके द्वारा तैयार 'एक देश, एक चुनाव' की अवधारणा से सहमत नहीं हूं। हम आपके सूत्रीकरण और प्रस्ताव से असहमत हैं।
चुनाव एक साथ न होना एक बुनियादी विशेषता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की 'वेस्टमिंस्टर' प्रणाली में संघ और राज्य चुनाव एक साथ न होना एक बुनियादी विशेषता है जिसे बदला नहीं जाना चाहिए। संक्षेप में कहें तो एक साथ चुनाव नहीं होना भारतीय संवैधानिक व्यवस्था की मूल संरचना का हिस्सा है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय रखने के लिए एक पत्र लिखा था।(भाषा)