Congress President Mallikarjun Karge News: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बृहस्पतिवार को तीखा हमला किया और कहा कि जब चुनाव खत्म हो जाएंगे तब लोग उन्हें केवल ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में याद करेंगे जो हार से बचने के लिए झूठ से भरे विभाजनकारी और सांप्रदायिक भाषण देते थे।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह नफरत फैलाने वाले भाषण देने के बजाए अपनी सरकार के पिछले 10 वर्ष के कामकाज पर वोट मांगें। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा। इस पत्र में खरगे ने लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के बाद राजग उम्मीदवारों को प्रधानमंत्री की ओर से लिखे पत्र में उनकी पार्टी (कांग्रेस) पर लगाए गए आरोपों का खंडन किया। ALSO READ: Corona Vaccine की लोकसभा चुनाव में एंट्री, खरगे बोले- देश को बर्बाद कर देंगे PM मोदी
आरक्षण छीनना चाहती है भाजपा : प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनावों में भाजपा नीत राजग उम्मीदवारों से कहा कि वे इस बारे में मतदाताओं के बीच जागरुकता फैलाएं कि कांग्रेस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से आरक्षण छीनना चाहती है। मोदी की ओर से उम्मीदवारों को लिखे एक व्यक्तिगत पत्र में प्रधानमंत्री ने धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक होने के बावजूद कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण इरादे रखने का भी आरोप लगाया।
पत्र की भाषा को लेकर आलोचना : खरगे ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि मैंने वह पत्र देखा है जो आपने राजग के सभी उम्मीदवारों को लिखा है और जिसमें कहा गया है कि उन्हें मतदाताओं से क्या बोलना है। पत्र के लहजे और विषयवस्तु से ऐसा लगता है कि आपके अंदर बहुत हताशा और चिंता है जो आपको ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है जो प्रधानमंत्री पद के अनुरूप नहीं है। ALSO READ: खरगे का इमोशनल दांव, कम से कम मेरे अंतिम संस्कार में तो शामिल हो जाना
जनता समझदार है : उन्होंने कहा कि मतदाता इतने बुद्धिमान हैं कि वे खुद पढ़ और समझ सकते हैं कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में क्या लिखा है और क्या गारंटी देने का वादा किया है। कांग्रेस प्रमुख ने अपने पत्र में कहा कि हमारी गारंटी इतनी सरल और स्पष्ट है कि हमें उन्हें समझाने की ज़रूरत नहीं है। आपके लाभ के लिए मैं उन्हें यहां दोहराऊंगा। खरगे ने अपने पत्र में पार्टी के युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय के बारे में विस्तार से बताया। (भाषा/वेबदुनिया)