PM Modi in amroha : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक रैली में कहा कि तुष्टिकरण के खेल ने उत्तर प्रदेश को और खासकर हमारे पश्चिमी यूपी को दंगो की आग में जलाया था। यहां के लोग गुंडाराज का वो दौर कभी भी भूल नहीं सकते।
उन्होंने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव देश के भविष्य का चुनाव है। इस चुनाव में आप का एक एक वोट भारत के भाग्य को सुनिश्चित करने वाला है। भाजपा गांव, गरीब के लिए बड़े विजन और बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रही है। लेकिन INDI गठबंधन के लोगों की सारी शक्ति गांव, देहात को पिछड़ा बनाने में लगती है। इस मानसिकता का सबसे बड़ा नुकसान अमरोहा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों को उठाना पड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बना, तो सपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों में प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा दिया। ये लोग आए दिन राम मंदिर और सनातन आस्था को गालियां दे रहे हैं। अभी रामनवमी पर प्रभु रामलला का भव्य सूर्य तिलक हुआ है। आज जब पूरा देश राममय है, तब समाजवादी पार्टी के लोग रामभक्ति करने वालों को सार्वजनिक रूप से पाखंडी कहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि INDI गठबंधन वाले सनातन से घृणा करते हैं। अभी मैं द्वारका गया और समुद्र में नीचे जाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की। लेकिन कांग्रेस के शहजादे कहते हैं कि समुद्र के नीचे पूजा करने योग्य कुछ है ही नहीं।
हमारी हजारों वर्ष की आस्था और भक्ति को ये लोग सिर्फ वोटबैंक के लिए खारिज कर रहे हैं।
INDI गठबंधन वाले सनातन से घृणा करते हैं।
अभी मैं द्वारका गया और समुद्र में नीचे जाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की।
लेकिन कांग्रेस के शहजादे कहते हैं कि समुद्र के नीचे पूजा करने योग्य कुछ है ही नहीं।
हमारी हजारों वर्ष की आस्था और भक्ति को ये लोग सिर्फ वोटबैंक के लिए खारिज कर रहे… pic.twitter.com/BMqY3OnImr
उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में अपने आप को यदुवंशी कहने वाले नेताओं से मैं पूछना चाहता हूं कि आप भगवान श्रीकृष्ण और द्वारका का अपमान करने वालों के साथ कैसे समझौता कर सकते हो।
पीएम मोदी ने कहा कि योगी जी ने गन्ना किसानों की चिंता की। अमरोहा के गन्ना किसान कभी नहीं भूल सकते कि पहले उन्हें भुगतान के लिए कितना परेशान किया जाता था। लेकिन आज प्रदेश में गन्ने की रिकॉर्ड खरीद के साथ ही रिकॉर्ड भुगतान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जब सपा की सरकार थी, तो अमरोहा के गन्ना किसानों को साल में औसतन सिर्फ 500 करोड़ रुपये का भुगतान होता था। जबकि योगी जी की सरकार में यहां हर साल करीब 1.5 हजार करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को हुआ है।