लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा

विकास सिंह

शनिवार, 4 मई 2024 (14:56 IST)
लोकसभा चुनव के तीसरे चरण के लिए सात मई को होने वाले मतदान को लेकर चुनाव प्रचार अब अंतिम दौर में है। मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में जिन 07 सीटों पर मतदान होगा उसमें सबकी निगाहें गुना, राजगढ़ और विदिशा लोकसभा सीट पर टिकी है। गुना लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजगढ़ लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गिजय सिंह और विदिशा लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में है। इसके साथ ग्वालियर-चंबल की तीन सीटों ग्वालियर, मुरैना और भिंड में भी 7 मई को मतदान होगा। 

गुना में सिंधिया के लिए भाजपा एकजुट-लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में गुना लोकसभा सीट पर सात मई को मतदान होगा। गुना लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी मैदान में है। गौरतलब है कि 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर सिंधिया गुना से हार गए थे। इस बार सिंधिया का सामना कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेंद्र सिंह से है। कांग्रेस ने स्थानीय नेता राव यादवेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारकर सिंधिया को उनके ही गढ़ में घेरने की कोशिश की है। गुना लोकसभा सीट पर गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव,पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे।

गुना सिंधिया घराने के गढ़ के तौर पर पहचाना जाता है और अपने गढ़ पर फिर से कब्जा करने के लिए इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। सिंधिया पूरी ताकत के  साथ चुनावी मैदान में है, वहीं उनके साथ मोहन यादव सरकार में सिंधिया सरकार के मंत्री भी पिछले दो महीने से गुना में ही अपना डेरा डाले हुए है। लोकसभा  चुनाव में अलग-अगल जाति के वोट को साधने के लिए सिंधिया ने इस बार सामाजिक सम्मेलन पर खासा फोकस किया है और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और प्रहलाद सिंह पटेल ने चुनावी सभा कर अपनी-अपनी जाति के वोटों को साधने की पूरी कोशिश की है। इसके साथ सिंधिया के साथ उनकी पत्नी और बेटा भी लगातार चुनाव प्रचार में डटे हुए है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेंद्र सिंह अपनी राजनीतिक विरासत और जातिगत समीकरण के आधार सिंधिया को चुनौती देने की कोशिश रहे है।
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राजगढ़ में दिग्विजय सिंह की चुनौती-कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के चुनावी मैदान में उतरने के चलते राजगढ़ हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट हो गई है। राजगढ़ में दिग्विजय सिंह का मुकाबला दो बार से लगातार चुनाव जीत रहे भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर से है। भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर जहां पीएम मोदी के चेहरे पर वोट मांग रहे है, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने घर-घर जनसंपर्क और बूथ मैनेजमेंट पर फोकस किया है। भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी का फायदा उठाने की दिग्विजय सिंह पूरी कोशिश कर रहे है। दरअसल राजगढ़ लोकसभा सीट के पहचान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गढ़ के रूप में होती रही है। 1984 में दिग्विजय सिंह पहली बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। वहीं 1991 में दिग्विजय सिंह आखिरी बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। 2014 और 2019 में लगातार दो बार भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर ने राजगढ़ लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह उनको सीधी चुनौती दे रहे है।
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विदिशा मेंं शिवराज की निगाहें रिकॉर्ड पर- विदिशा लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में है। वहीं कांग्रेस ने प्रताप भानु शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। विदिशा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे में विदिशा में चुनावी मुकाबला एकतरफा है और कांग्रेस विदिशा में किसी भी स्तर पर चुनौती देते हुए नहीं दिख रही  है। भाजपा उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान लगातार चुनाव प्रचार में जुटे है और अब तक दर्जनों  रोड शो और जनसभा कर चुके है। शिवराज की पूरी चुनावी कमान उनके बेटे कार्तिकेय संभाल हुए है, वहीं पत्नी साधना सिंह लगातार जनसंपर्क कर रही है।

चार बार विदिशा से सांसद रह चुके शिवराज सिंह को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को मैदान में उतारा है। ब्राह्मण वोटरों के सहारे प्रताप भानु शर्मा शिवराज के समाने चुनौती बनने की कोशिश कर रहे है, लेकिन शिवराज के लंबे सियासी कद के कारण वह कामयाब होते नहीं दिख रहे है।

मुरैना में कांग्रेस-भाजपा में कांटे का मुकाबला- चंबल अंचल की मुरैना लोकसभा सीट में चुनावी मुकाबला इस बार बेहद कड़ा नजर आ रहा है। भाजपा के शिवमंगल सिंह तोमर और कांग्रेस के सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू के बीच यहां सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। सत्यपाल सिंह सिकरवार के भारी भरकम पॉलिटिक्स बैकग्राउंड और कांग्रेस की एकजुटता से यहां मुकाबला बेहद कांटे का हो चला है। मुरैना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की है। मुरैना में भाजपा की ताकत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और राम लहर है, जबकि व्यक्तिगत छवि के मामले में कांग्रेस के सत्यपाल भाजपा के शिवमंगल पर भारी पड़ रहे हैं। भाजपा के कद्दावर नेता विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर इसी क्षेत्र से हैं। उनकी सिफारिश पर ही शिवमंगल को टिकट मिला है, यहीं कारण है शिवमंगल सिंह तोमर का पूरा चुनावी मैनेजमेंट नरेंद्र सिंह तोमर संभाले हुए है।

ग्वालियर में मोदी के चेहरे पर भाजपा को बढ़त- ग्वालियर लोकसभा सीट भाजपा के गढ़ के रूप में पहचानी जाती है और इस बार ग्वालियर में भाजपा ने पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले प्रवीण पाठक पर दांव लगाया है। ग्वालियर में भाजपा ने अपना पूरा चुनावी प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद मोदी पर ही फोकस रखा है और मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन भाजपा के पक्ष में लगातार जनसंपर्क और रोड शो कर रहे है। ग्वालियर में चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है औऱ सभी दिग्गज नेता चुनावी प्रचार में जुट गए है।

भाजपा उम्मीदवार भारत सिंह कुशवाह की ग्रामीण इलाकों में अच्छी पकड़ और लगातार जनसंपर्क से वह कांग्रेस पर भारी पड़ते दिख रहे है। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण पाठक की पहचना और उनका शहरी इलाकों तक ही सीमित होना उनके लिए बड़ा झटका है।

भिंड में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार-चंबल की भिंड लोकसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद संध्या राय और कांग्रेस ने भांडेर से विधायक फूल सिंह बरैया को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं बसपा से कांग्रेस के बागी देवाशीष जरारिया के चुनावी मैदान में उतरने से चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। भिंड लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया को उतारकर जातिगत वोट साधने की कोशिश की है। वहीं कांग्रेस के बागी देवाशीष जरारिया दलित वोटरों  के सहारे मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रहे है।
 

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