गुना सिंधिया घराने के गढ़ के तौर पर पहचाना जाता है और अपने गढ़ पर फिर से कब्जा करने के लिए इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। सिंधिया पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में है, वहीं उनके साथ मोहन यादव सरकार में सिंधिया सरकार के मंत्री भी पिछले दो महीने से गुना में ही अपना डेरा डाले हुए है। लोकसभा चुनाव में अलग-अगल जाति के वोट को साधने के लिए सिंधिया ने इस बार सामाजिक सम्मेलन पर खासा फोकस किया है और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और प्रहलाद सिंह पटेल ने चुनावी सभा कर अपनी-अपनी जाति के वोटों को साधने की पूरी कोशिश की है। इसके साथ सिंधिया के साथ उनकी पत्नी और बेटा भी लगातार चुनाव प्रचार में डटे हुए है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेंद्र सिंह अपनी राजनीतिक विरासत और जातिगत समीकरण के आधार सिंधिया को चुनौती देने की कोशिश रहे है।
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राजगढ़ में दिग्विजय सिंह की चुनौती-कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के चुनावी मैदान में उतरने के चलते राजगढ़ हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट हो गई है। राजगढ़ में दिग्विजय सिंह का मुकाबला दो बार से लगातार चुनाव जीत रहे भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर से है। भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर जहां पीएम मोदी के चेहरे पर वोट मांग रहे है, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने घर-घर जनसंपर्क और बूथ मैनेजमेंट पर फोकस किया है। भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी का फायदा उठाने की दिग्विजय सिंह पूरी कोशिश कर रहे है। दरअसल राजगढ़ लोकसभा सीट के पहचान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गढ़ के रूप में होती रही है। 1984 में दिग्विजय सिंह पहली बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। वहीं 1991 में दिग्विजय सिंह आखिरी बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। 2014 और 2019 में लगातार दो बार भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर ने राजगढ़ लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह उनको सीधी चुनौती दे रहे है।
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विदिशा मेंं शिवराज की निगाहें रिकॉर्ड पर- विदिशा लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में है। वहीं कांग्रेस ने प्रताप भानु शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। विदिशा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे में विदिशा में चुनावी मुकाबला एकतरफा है और कांग्रेस विदिशा में किसी भी स्तर पर चुनौती देते हुए नहीं दिख रही है। भाजपा उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान लगातार चुनाव प्रचार में जुटे है और अब तक दर्जनों रोड शो और जनसभा कर चुके है। शिवराज की पूरी चुनावी कमान उनके बेटे कार्तिकेय संभाल हुए है, वहीं पत्नी साधना सिंह लगातार जनसंपर्क कर रही है।