जातिवादी प्रयोगशाला में ज्यादा मतदान

रविवार, 10 मई 2009 (11:55 IST)
कपिल भट्

जातिवाद की प्रयोगशाला बने हुए दौसा लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं ने सबसे ज्यादा वोट डाले। यहाँ पर 64 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो राजस्थान की सभी 25 लोकसभा में सबसे ज्यादा है।

निर्वाचन विभाग की सूचना के अनुसार इस बार पूरे प्रदेश में 48.35 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। जबकि, प्रारंभिक अनुमानों में राजस्थान में 50 फीसदी मतदान होने की बात कही जा रही थी।

दौसा में इस बार दो जातियों मीणा और गुर्जरों के निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच तगड़ा मुकाबला देखा गया। इसके चलते यहाँ कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियाँ मुख्य मुकाबले में नहीं रहीं। दौसा में तेरह लाख 14 हजार कुल मतदाता हैं, जिनमें से आठ लाख 42 हजार ने वोट डाले। प्रदेश में सबसे कम मतदान दौसा की पड़ोसी करौली-धौलपुर सीट पर 37.3 प्रतिशत हुआ।

चुनाव में उतरे चर्चित चेहरों में सबसे ज्यादा मतदान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंतसिंह के निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ में 60.2 प्रतिशत हुआ।

इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र सिंह के क्षेत्र अलवर में 55.9 फीसदी वोट पड़े। जबकि, जसवंतसिंह के पुत्र मानवेंद्रसिंह के निर्वाचन क्षेत्र बाड़मेर में 54.4 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कांग्रेस नेता सचिन पायलट के चुनाव क्षेत्र अजमेर में 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले।

वेबदुनिया पर पढ़ें