लोकसभा चुनाव में बिहार में करारी शिकस्त झेल चुकी लोक जनशक्ति पार्टी ने रविवार को कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ राजग के सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने और कांग्रेस के साथ उसका गठबंधन नहीं होने के चलते उसे हार का सामना करना पड़ा है।
लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा जब सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया हो तो आप कैसे नतीजे की उम्मीद करते हैं। बिहार में कोई नीतीश लहर नहीं थी। उन्होंने सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है।
आठ बार लोकसभा सदस्य रह चुके पासवान इस बार हाजीपुर से चुनाव हार गए। उन्होंने स्वीकार किया कि सबसे बड़ी गलती कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करना थी। राजद नेता लालूप्रसाद ने भी इसी तरह के विचार प्रकट किए थे।
लोजपा, राजद और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चौथा मोर्चा बनाया था, लेकिन इन तीनों दलों के पास पिछली बार जितनी सीटें थीं, इस बार वे उससे आधी सीटें भी हासिल नहीं कर पाए।
सपा ने 22 और राजद ने चार सीटें जीतीं, जबकि लोजपा खाता नहीं खोल पायी। तीनों दलों ने वर्ष 2004 में कुल 64 सीटें जीती थीं। हालाँकि तब उनके बीच गठबंधन नहीं था। पासवान ने वर्ष 1977 में हाजीपुर से सबसे अधिक अंतर 424000 मतों से जीत दर्ज कर गिनीज रिकॉर्ड बनाया था।
उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों के विश्लेषण के लिए उनकी पार्टी की 20 मई को बैठक होगी। पासवान ने कहा कि लोजपा उम्मीदवार सिर्फ पाँच हजार से 10000 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं।