जया को हराने और जिताने की जंग

रविवार, 10 मई 2009 (11:12 IST)
समाजवादी पार्टी में चल रही अमर बनाम आजम की लड़ाई को अब मुलायमसिंह यादव ने अपने ऊपर ले लिया है। उधर सपा नेताओं पर हुए हिंसक हमले के बाद रामपुर के चुनाव में हिंसा की आशंका बेहद बढ़ गई है।

यह चुनाव अब अमर और आजम का नहीं मुलायम और आजम के बीच नाक का सवाल बन गया है। जयाप्रदा की हार सुनिश्चित करने के लिए आजम कुछ भी करने पर आमादा हैं, वहीं उनकी जीत के लिए मुलायम ने अपने लोगों से कह दिया है कि पूरी ताकत झोंक दी जाए।

जयाप्रदा के समर्थन में उनके चुनाव क्षेत्र में आकर मुलायम ने आजम को सुधरने या नतीजे भुगतने की चेतावनी दे दी है। जवाब में आजम ने भी कहा है कि उन्हें मुलायम के बयान से बेहद दुख हुआ है।

कांग्रेस ने रामपुर रियासत का फिर सहारा लिया है और पार्टी की उम्मीदवार बेगम नूरबानो भी अपने सियासी और खानदानी वजूद की लड़ाई में पूरी ताकत से कूद पड़ी हैं। शनिवार को रामपुर में सोनिया गाँधी की सभा में जुटी भीड़ से भी नूरबानो का हौसला बढ़ा है। आजम का रुख कांग्रेस की तरफ होता दिख रहा है।

सपा में मचे घमासान के हिंसक रुख अख्तियार करने से प्रशासन को रामपुर में चुनाव शांतिपूर्ण होने की आशंका पैदा हो गई है। हालाँकि अधिकारी खुलकर सख्त इंतजामों का दावा कर रहे हैं, लेकिन दबी जबान से यह भी कह रहे हैं कि कुछ भी हो सकता है।

दो दिन का वक्त दिया : अमरसिंह के बचाव में खुलकर आगे आते हुए मुलायम ने सपा की मुस्लिम सियासत की बुनियाद रहे मो. आजम खान को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि उनके पास अभी दो दिन का वक्त है, वे अपना रवैया सुधार लें और जयाप्रदा के चुनाव प्रचार में जुट जाएँ। वरना उनकी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी।

मुलायम ने यह चेतावनी आजम के जिले रामपुर की एक चुनावी सभा में दी। लेकिन उन्होंने दोस्ती का इतना लिहाज जरूर रखा कि चुनावी सभा रामपुर शहर में करने की बजाय यहाँ से करीब तीस किलोमीटर दूर स्वार कस्बे में की।

साथ ही मुलायम ने अमर के गुस्से और अबू आसिम आजमी पर शुक्रवार को हुए हमले के बावजूद आजम पर सीधी कार्रवाई की बजाय उन्हें दो दिन की मोहलत और दे दी है।

उधर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने भी रामपुर में अपनी उम्मीदवार बेगम नूरबानो के समर्थन में चुनावी सभा संबोधित करके माहौल को और गरमा दिया है।

रामपुर में मुकाबला अब सपा और कांग्रेस के बीच सिमटता जा रहा है। हालाँकि मैदान में भाजपा से पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक बार यहाँ से चुनाव जीत चुके मुख्तार अब्बास नकवी और बसपा के जय भगवान सिंह लोधी भी पूरे दमखम से हैं। (नईदुनिया)

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