प्यार हो तो ऐसा

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फाइन आर्ट्‌स कॉलेज में बीएफए करते समय मनप्रीत कौर (परिवर्तित नाम) को प्यार हुआ अपने से एक साल सीनियर मोहित (परिवर्तित नाम) से। क्लास में अपने सीनियर से ड्राइंग सीखते-सीखते मनप्रीत के दिल के कैनवास पर मोहित के प्यार के चित्र उभरने लगे। जब उसे सीनियर्स के साथ शहर से बाहर घुमने का मौका मिला। तब मौका मिलते ही मनप्रीत ने मोहित से अपने दिल की बात कह डाली।

हालाँकि अप्रत्याशित इजहारे इश्क से सहमे मोहित ने इस बारे में सोचने के लिए मनप्रीत से दो-चार दिन का समय माँगाआशा कअनुरूदो-तीन दिन बाद मोहित की ओर से प्रेम का ग्रीन सिग्नल मिलते ही इन दोनों की कोरी कल्पनाएँ प्रेम के खुशनुमरंगोसे भगईउसके बाद ड्राइंग के आदान-प्रदान से दिल की बातें बयाँ कजानलगीं।

कहतहैप्रेमियों की खुशियाँ जमाने की बुरी नजरों से बच नहीं सकतीं। एक बार जब सिनेमाघर से निकलते समय मनप्रीत के चाचा की नजरें इन प्रेमियों पर पड़ीं। तब मोहित की क्लास लेने के लिए मनप्रीत के चाचा ने रात ८.३० बजे उसे अपने घबुलायाडरा-सहमा मोहित दोस्तों के कहने पर समय से १० मिनट पूर्व ही निर्धारित जगह पर पहुँगया।

मोहित की सुरक्षा के लिए उसके दोस्तों ने उसे अपने दो-तीन मोबाइल दिए थे, ताकि एक कॉल पर मोहित के दोस्त उस तक पहुँच सकें। ठीक ८.३० बजे मोहित ने जब चाचाजी के घर के दरवाजे को खटखटाया तो एक-एक करके चाचा, चाची, दादी, दीदी सबकी मोटी-मोटी आँखों ने उसकी तरफ गुस्सेभरी निगाहों से देखा।

परिवारजनों के बीच एक कुर्सी पर बैठाकर चाचा ने मोहित की क्लास लेना शुरू की। तुम मनप्रीत के साथ क्यों घूमते हो, कुछ कमाते-धमाते क्यों नहीं, आगे चलकर जीवन में क्या करने का इरादा है? इस तरह के कई सवालों से मोहित की अग्निपरीक्षा ली गई। कुछ देर बाद दोनों प्रेमियों को एक साथ बैठाकर भी दोनों से सवाल-जवाब किए गए।

जैसे-तैसे करके मोहित ने चाचा से पीछा छुड़ाया तो कुछ दिनों बाद ही मनप्रीत के पिता की ओर से भी मोहित की क्लास लेने का निमंत्रण आया। हालांकि अपने होने वाले ससुर को मनाना मोहित के लिए आसान नहीं था, पर प्यार को पाने की जिद और मनप्रीत के विश्वास ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और अंतत: निष्कर्ष यह निकला कि मनप्रीत के पिताजी ने मोहित को अच्छा कमाने व शहर में अपनी पहचान बनाने के लिए एक साल का समय दिया, लेकिन इस एक साल में उन्होंने अपनी बेटी के लिए दूसरे रिश्ते देखना भी शुरू कर दिए।

जुदाई से बिगड़े हालात
मोहित के प्रति अपने परिवार के कड़े रुख को देखकर मनप्रीत का तनाव बढ़ता गया और इस तनाव में उसने अपनी हालत इतनी बिगाड़ ली कि कुछ दिनों के लिए उसे हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा। मनप्रीत की एक किडनी पहले ही कमजोर हो चुकी थी। यह बात मोहित को पता थी। शादी के लिए परिवारजनों के बढ़ते प्रेशर तथा मोहित से जुदाई के गम ने उस एक साल में मनप्रीत को इतना बीमार कर दिया था कि उसकी एक किडनी ने काम करना ही बंद कर दिया था। मनप्रीत की बिगड़ती हालत देख उसे खुश करने के लिए उसके परिवारजनों ने ऑपरेशन से पहले मोहित को मनप्रीत से मिलने बुलाया।

ऑपरेशन में मनप्रीत की एक किडनी निकालनी पड़ी। लगभग 10-12 दिन तक मनप्रीत हॉस्पिटल में भर्ती रही। इस दौरान मोहित ने उसकी खूब सेवा की व अपनी हमसफर बनाने का विश्वास भी दिलाया। समय बीतने के साथ-साथ मनप्रीत और मोहित के प्यार ने उनके घरवालों का दिल भी जीत लिया और अब ये दोनों जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं।

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