Madhya Pradesh Assembly elections 1998: अविभाजित मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव आखिरी बार 1998 में लड़ा गया। कांग्रेस ने 316 सीटों पर चुनाव लड़ा और वह 172 सीटें जीतने में सफल रही थी। बहुमत का आंकड़ा एक बार फिर कांग्रेस के पक्ष में गया। दिग्विजय सिंह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। दिग्गी ने अपने गृह क्षेत्र राघौगढ़ से विधानसभा चुनाव जीता था।
वर्ष 1998 के चुनाव में 4 करोड़ 48 लाख 61 हजार 760 मतदाताओं में से 60.21 प्रतिशत मतदाताओं ने वोटिंग में हिस्सा लिया। इस चुनाव में कांग्रेस 172, भाजपा 119, जनता दल 1, बसपा 11, जनता पार्टी 1, समाजवादी पार्टी 4 एवं निर्दलीय और अन्य 12 उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे थे।
अयोध्या के विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद भाजपा की सीटों में लगातार इजाफा देखने को मिले। 1993 की 117 सीटों के मुकाबले भाजपा 172 सीटें जीतने में सफल रही। वहीं, कांशीराम के नेतृत्व वाली बसपा भी छिपे रुस्तम के तौर पर 11 सीटें जीतने में सफल रही थी।
दिसंबर 1998 में दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की कमान पुनः संभाली वे एक बार फिर यानी दूसरे कार्यकाल के लिए राज्य के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए। इस चुनाव में कांग्रेस को 40.59 फीसदी वोट मिले थे, जबकि मामूली अंतर से भाजपा को 39.28 प्रतिशत वोट मिले थे।