केंद्र उचित हिस्सा नहीं दे रहा: राघवजी

बुधवार, 15 जुलाई 2009 (11:07 IST)
वित्त मंत्री राघवजी ने राज्य विधानसभा में मंगलवार को बजट पर हुई बहस का जवाब देते हुए पाँच और वस्तुओं को कर मुक्त करने का ऐलान किया है। इनमें बच्चों को दूध पिलाने में प्रयुक्त फीडिंग बॉटल व उसका निप्पल, सौर चूल्हे व उनके उपकरण, पिंड खजूर तथा बाँस से निर्मित वस्तुएँ शामिल हैं।

राघवजी ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया। उन्होंने बढ़ती महँगाई का ठीकरा केंद्र के सिर फोड़ते यह आरोप भी मढ़ा कि राज्य से करों के बतौर 46 हजार 580 करोड़ की कमाई करने वाला केंद्र राज्य को अनुदान के बतौर सिर्फ 8 हजार 901 करोड़ रुपए ही दे रहा है।

राज्य के हिस्से आने वाली इस 19 फीसद राशि को उन्होंने 40 फीसद करने की माँग की और कांग्रेसी सदस्यों के पाले में यह कहते हुए गेंद डाली कि मप्र को उसका हक दिलाने में वे उनकी मदद करें।

राघवजी ने कहा कि केंद्र ने इस साल राज्य सरकार के हिस्से में एक हजार करोड़ की कटौती की है जिसके चलते हमें कुछ चीजों पर कर लगाना पड़ा। यदि केंद्र सरकार यह हिस्सा नहीं काटती तो नए कर की दर बढ़ाने या नई वस्तुओं पर कर लगाने की नौबत ही नहीं आती। वैसे भी राज्य में टैक्स काफी कम है।

इसका औसत प्रति व्यक्ति 14 पैसे प्रतिदिन है। राघवजी ने कहा कि मप्र की विकास दर निरंतर सुधर रही है। 2006 और 07 में विकास दर 4.75 थी, लेकिन 08 में यह 5.57 हो गई है। जबकि यह 1999 से 2003 के बीच ऋणात्मक थी। उन्होंने माना कि प्रति व्यक्ति आय में मप्र पीछे जरूर है, लेकिन इसमें निरंतर सुधार हो रहा है।

पैंसठ फीसद बढ़ोतरी : राघवजी ने कहा कि पिछले दो साल में सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों की पैंसठ फीसद बढ़ोतरी की है। निकाले गए 28 हजार कर्मचारियों को दोबारा नौकरियों पर रखा। 78 हजार 672 शिक्षकों की भर्ती की। उन्हें नियमित भी किया। 2 हजार 219 डॉक्टरों की भर्ती भी की गई।-नईदुनिया

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