आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 118वीं कड़ी और साल 2025 की पहली कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने महाकुंभ में युवाओं की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख किया और कहा कि जब युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता के साथ गर्व से जुड़ जाती है तो उसकी सभ्यतागत जड़े और मजबूत होती है और तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है।
मोदी ने कुंभ, पुष्करम और गंगा सागर मेले का उल्लेख करते हुए कहा कि ये पर्व सामाजिक मेल-जोल, सद्भाव और एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं। ये पर्व भारत के लोगों को भारत की परंपराओं से जोड़ते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ में दक्षिण, पश्चिम और हर कोने से लोग आते हैं। कुंभ में गरीब और अमीर सब एक हो जाते हैं और सब लोग संगम में डुबकी लगाते हैं। एक साथ भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते हैं। तभी तो कुंभ एकता का महाकुंभ है। कुंभ का आयोजन हमें यह भी बताता है कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं।
प्रधानमंत्री ने मन की बात के इस कार्यक्रम में पौष द्वादशी के दिन अयोध्या में राम मंदिर में राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ का भी जिक्र किया और कहा कि प्राण प्रतिष्ठा की यह द्वादशी भारत की सांस्कृतिक चेतना की पुनः प्रतिष्ठा की द्वादशी बन गई। उन्होंने कहा कि हमें विकास के रास्ते पर चलते हुए ऐसे ही अपनी विरासत को भी सहेजना है और उनसे प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना है।