ठाठिया में भगा ले जाओ अपनी प्रेमिका

रविवार, 25 अक्टूबर 2009 (11:29 IST)
यूँ तो किसी को जलेबी या पान का बीड़ा खिलाना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन यदि गौण्ड समाज का ठाठिया उत्सव हो तो समझ लीजिए कि पान और जलेबी की आड़ में एक प्रेम कहानी परवान चढ़ रही है।

दरअसल आदिवासियों और उनमें भी खासकर गौण्ड समाज में यदि कोई नौजवान किसी कन्या को पान का बीड़ा या जलेबी दे तो इसका मतलब है कि वह लड़की को अपना प्रणय प्रस्ताव भेज रहा है और अगर लड़की उसे खा ले तो समझ लेना चाहिए कि लड़की ने उस प्रणय निवेदन को स्वीकार कर लिया है। प्रेम की भाषा समझने के बाद लड़के को उस लड़की को भगा ले जाना होता है और फिर बज उठती है शहनाई।

एक बार भाग जाने के बाद ऐसे प्रेमी युगल को दोनों पक्षों के परिवारजनों की स्वीकृति मिलना लाजिमी होता है और फिर इन्हें अज्ञातवास से बुला कर इनके ब्याह की रस्म पूरी कर दी जाती है। इस तरह उलझी सी जलेबी उनके प्यार की उलझन सुलझाने का जरिया बन जाती है।

गौण्ड समाज, जिन्हें ठाठिया भी कहा जाता है, में कुँवारे नौजवानों के ब्याह रचाने की ऐसी ही शैली है.. जो इन दिनों समाज द्वारा मनाये जा रहे पाँच दिवसीय ‘ठाठिया उत्सव’पर लगने वाले जिले के हाट में देखने को मिल रही है।

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