हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर राज्य शासन व मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया। इसके लिए छः सप्ताह की मोहलत दी गई है।
मामला पीएससी में स्केलिंग प्रणाली को समाप्त किए जाने की माँग से संबंधित है। इसके अलावा रॉ व मॉडल उत्तर ओपन किए जाने की बात भी रेखांकित की गई है।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष रायसेन निवासी डॉ. शिवाकांत मिश्रा की ओर से अधिवक्ता हेमंत श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। दलील दी गई कि आवेदक ने दो बार पीएससी मेन्स निकाली है, लेकिन स्केलिंग प्रणाली का खामियाजा उसे भी अन्य आवेदकों की तरह भुगतना पड़ा है। इसलिए प्रतिभाओं के हक में यह प्रणाली समाप्त किए जाने योग्य है।
पारदर्शिता की उपेक्षा : कोर्ट को अवगत कराया गया कि अन्य प्रांतों में पीएससी की रॉ और मॉडल उत्तर पुस्तिका जारी की जाती है, लेकिन मप्र में इसका अभाव है। इससे पारदर्शिता की उपेक्षा होती है।-नईदुनिया