हाईस्कूल परीक्षा के शर्मनाक नतीजों की पहली गाज करीब दस जिलों के अफसरों पर गिरना लगभग तय हो गया है। इसमें कुछ संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। इनके अलावा करीब सौ प्राचार्य भी कार्रवाई की कतार में हैं।
इस कार्रवाई पर रविवार को शिक्षामंत्री अर्चना चिटनीस की गोपनीय बैठक में सहमति बनी है। हालाँकि इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को रिपोर्ट देने और अनुमोदन लेने के बाद हो सकेगा।
सूत्रों के मुताबिक रविवार को शिक्षामंत्री के निवास पर पूरे दिन चुनिंदा अफसरों की अनौपचारिक गोपनीय बैठकें चलती रही। बैठक में मुख्यमंत्री को नतीजों पर सौंपी जाने वाली राज्यस्तरीय रिपोर्ट तैयार की गई। इसके लिए सबसे खराब परीक्षा परिणाम वाले जिलों की रिपोर्ट्स को खंगाला गया। इसमें सीधी, उमरिया, रीवा सहित ऐसे जिले शामिल रहे, जिनका परीक्षा परिणाम 33 फीसदी से कम रहा।
आला अफसरों के साथ विचार-विमर्श के बाद रीवा, सागर और ग्वालियर संभाग के संयुक्त संचालकों पर कार्रवाई करने पर भी विचार हुआ। कुल 10 ऐसे जिले चुने गए हैं, जहाँ परिणाम सबसे कम रहा। इसमें 25 फीसदी से कम परिणाम वाले जिले शामिल हैं। इन सभी जिलों की रिपोर्ट्स की समीक्षा के बाद कार्रवाई करने पर सहमति बन गई है।
ये हैं कार्रवाई की चपेट में : श्योपुर 24.90 मुरैना 24.42 रायसेन 24.31 दमोह 24.05 सतना 22.18 शिवपुरी 21.48 छतरपुर 21.71 सीहोर 21.51 उमरिया 21.02 सीधी 18.20 आँकड़े प्रश के रूप में दसवीं के नियमित परिणाम के हैं।-नईदुनिया