प्रदेश में गड़बड़ाई सेटेलाइट शिक्षा

मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009 (11:51 IST)
प्रदेश में स्कूलों के स्तर पर सेटेलाइट एजुकेशन कारगर साबित नहीं हो पा रही है। डेढ़ हजार स्कूलों में शुरू की गई योजना के नतीजों से अफसर खुश नहीं हैं। इसके चलते स्कूलों का निरीक्षण कराने पर विचार हो रहा है।

राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेश में हेडस्टार्ट योजना के तहत बीते साल से करीब डेढ़ हजार प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों में सेटेलाइट एजुकेशन लागू की है। इसमें एजुसेट के जरिए प्रसारण करके पढ़ाई कराई जाती है, किंतु ताजा समीक्षा में इसकी स्थिति ठीक नहीं पाई गई। सूत्रों के मुताबिक अधिकतर स्कूलों में सेटेलाइट एजुकेशन के लिए लगाए गए सेट-बॉक्स खराब हालात में हैं। कई जगह प्रसारण होता है, किंतु कक्षाएँ खाली रहती हैं, तो कई जगह प्रसारण के समय कक्षाएँ ही नहीं लगाई जातीं। प्रसारण की गुणवत्ता की स्थिति भी ठीक नहीं पाई गई है।

रीवा में सेट बॉक्स चोरी : रीवा में सेट बॉक्स व अन्य उपकरण चोरी चले गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से इसकी शिकायत कलेक्टर और शिक्षा केंद्र को की गई। प्रमुख सचिव स्तर पर भी सेटेलाइट एजुकेशन की जानकारी माँगी गई है। वहीं राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त मनोज झालानी ने सभी केंद्रों को सुधार के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा चुनिंदा स्थानों पर निरीक्षण कराने पर भी विचार किया जा रहा है।


क्या है योजना : शिक्षा केंद्र ने चुनिंदा सरकारी प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों में सेटेलाइट के जरिए शिक्षा देना शुरू किया है। इसमें भारत के पहले पूर्ण शिक्षा उपग्रह एजुसेट के जरिए आधारभूत शिक्षा दी जाती है। पाठ्यक्रम के जटिल अंशों को भी सरल तरीके से प्रसारित किया जाता है। शिक्षा केंद्र ने रीवा में सबसे पहले इसकी शुरुआत की थी।

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