मध्यप्रदेश चुनाव, क्या कहता है वोटर...

शनिवार, 23 नवंबर 2013 (16:53 IST)
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को होने वाली वोटिंग के लिए सभी दलों ने मतदाताओं को अपने वादों और दावों से लुभाने की भरपूर कोशिश की है, लेकिन मतदाता के मन की थाह कोई नहीं जानता। आखिर मतदान को लेकर लोग क्या सोचते हैं, इस पर वेबदुनिया ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के लोगों से चर्चा की। आइए, देखते हैं क्या सोचते हैं लोग चुनाव के बारे में।
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विधानसभा चुनाव को लेकर इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के छात्रों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। बॉयोकेमिकल विभाग के छात्रों का कहना है की वे इस बार चुनाव में भाग लेंगे। इसमें से ज्यादात्तर छात्र पहली बार मतदान करेंगे। उनमें से एक-दो छात्र ऐसे हैं जो नाटो का भी प्रयोग करने वाले हैं। विभाग की श्रुति चंचल, अनामिका और विजेन्द्र का कहना है कि इस बार हम पार्टी से ज्यादा उनके मुद्दे को ध्यान में रखकर मतदान करेंगे। उनका कहना था कि रोजगार, विकास और शिक्षा जैसे मुद्दे हमें ज्यादा प्रभावित करेंगे और आने वाली सरकार से हम यही उम्मीद करते हैं कि वे हमें सुरक्षा, रोजगार तथा बेहतर शिक्षा मुहैया कराएं।

शाजापुर विधानसभा क्षेत्र के मक्सी में कोचिंग क्लास चलाने वाले राम पाटीदार वोट देना लोकतंत्र के लिए आहुति देने के समान है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी को मतदान करना चाहिए, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के कारण आम आदमी का लोकतंत्र से विश्वास उठता जा रहा है। ये कार्यकर्ता खुद को बड़ा साबित करने के लिए आम आदमी के काम नहीं होने देते। सरकारी योजनाओं का लाभ भी दूर दराज इलाकों में नहीं पहुंचता, इसलिए लोग अपने वोट की कीमत नहीं पहचानते और कई बार मतदान ही नहीं करते।

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लहार (भिंड) विधानसभा क्षेत्र के गांव हीरापुरा के 72 वर्षीय सेना के रिटायर्ड सूबेदार ध्रुवसिंह कुशवाह की बातों में वर्तमान विधायक को लेकर काफी असंतोष है, लेकिन वे मतदान को लेकर पूरी गंभीर हैं। वे कहते हैं जब सेना में थे तो डाक के जरिए मतदान करते थे, अब स्वयं जाकर मतदान करेंगे। वे चाहते हैं कि क्षेत्र में बदलाव हो ताकि विकास को गति मिल सके। वे कहते हैं आजादी के 60 साल बाद भी गांवों में शुद्ध पानी नहीं है, लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। वे कहते हैं कि मतदान सबको करना चाहिए।

देवास विधानसभा क्षेत्र के शेखर पुरी (ग्राम खेताखेड़ी) का कहना है कि इस बार मतदान को लेकर जरा भी उत्साह नहीं है, क्योंकि हमारे देवास में कुछ नहीं बदला। पहले भी जल समस्य थी और आज भी जल समस्या मुख्य मुद्दा है। लेकिन, पार्टी को चाहते हैं इसलिए मजबूरी में मतदान तो करेंगे ही। वर्तमान विधायक छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं। पांच बार जीत गए हैं, लेकिन उन्होंने 25 साल में क्या किया? पांच साल में देवास की काया पलटी जा सकती थी, लेकिन देवास में विकास कार्य नहीं हुए। एक भी ढंग की सड़क नहीं है।

खाचरौद-नागदा विधानसभा क्षेत्र के बैंकर रितेश पोरवाल का कहना है कि वे मतदान करने जरूर जाएंगे क्योंकि यह तो हमारा अधिकार है। पिछले दस सालों में यहां विकास तो हुआ है। प्रदेश में भले ही भाजपा की सरकार हो पर यहां विधायक कांग्रेस का है। इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार दमदार हैं और वह पार्टी नहीं उम्मीदवार को देखकर वोट देंगे।

वहीं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग से निकिता, स्मृति, अनघा, चिन्मय, सौरभ और अक्षत का कहना है कि वे इस बार अपने मताधिकार का पूरी तरह से प्रयोग करने वाले हैं और इस बार वे पार्टी से ज्यादा महंगाई, महिला सुरक्षा और अपराध जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान करेंगे। हम चाहते हैं कि आने वाली सरकार महंगाई पर नियंत्रण करे, महिलाओं पर हो रहे अपराध को रोके, रोजगार के अवसर प्रदान करे तथा शिक्षा के स्तर को सुधारे।
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राजा रामनगर देवास के अरुण गोस्वामी का मानना है कि व्यक्तिगत तौर पर उत्साह जैसा कुछ भी नहीं है। पहले जरूर उत्साह होता था। मेरे लिए पार्टी और उम्मीदवार दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। यहां तुकोजीराव ही पार्टी हैं। पार्टी उनके बगैर चल नहीं सकती और उनकी व्यक्तिगत छवि अन्य नेताओं की अपेक्षा बेदाग है। जल समस्या खत्म हो गई, लेकिन अभी महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है। महंगाई की बात करते हैं तो यहां के नेता केंद्र को दोष देते हैं। अब पता नहीं महंगाई बढ़ने के कारण क्या हैं।

चुनाव को लेकर उत्साहित नजर आ रहे आलोट विधानसभा क्षेत्र के दुर्गेश सेठिया ने बताया कि वह सीजन के बावजूद मतदान जरूर करेंगे। इस बार क्षेत्र में चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है। यहां की जनता फोरलेन चाहती है। वे यह भी चाहते हैं कि यहां भी नगरपालिका की जगह नगर निगम कार्य करे।

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इंदौर क्षेत्र क्रमांक-2 के निवासी और निजी शिक्षण संस्थान में कार्यरत चंवरसिंह जादौन कहते हैं कि व्यक्ति को मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यदि गुस्सा भी है तो उसका इजहार अपने वोट के माध्यम से करना चाहिए। अब तो मतदाता के लिए 'नोटा' का विकल्प भी मौजूद है। वे मानते हैं कि जाति और धर्म के आधार पर वोटिंग नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि वे मतदान अवश्य करें।

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उज्जैन विधानसभा क्षेत्र की दिव्या सक्सेना ने कहा कि इस बार हम अवश्य मतदान करेंगे। हर बार की तरह उत्साहित हैं। हमारे लिए पार्टी और उम्मीदवार की छवि दोनों ही महत्वपूर्ण है ले‍किन इस बार हम पार्टी को देख रहे हैं। पानी और सड़क मुख्य चुनावी मुद्दा है। हम वर्तमान विधायक से संतुष्ट नहीं है।

धार विधानसभा क्षेत्र के विश्वास जैन वोटिंग को लेकर बहुत उत्साहित हैं। वे सड़क, पानी, बिजली जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान करेंग। वे कहते हैं कि ऐसा प्रतिनिधि विधानसभा पहुंचे जो धार में सौहार्दपूर्ण माहौल रख सके। दिलावरा तालाब से धार में पेयजल ला सके। जैन कहते हैं कि वे उम्मीदवारों की कार्यशैली को ध्यान में रखकर ही वोट डालेंगे।

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उज्जैन विधानसभा क्षेत्र के गौरव दुबे का कहना है कि निश्‍चित ही हम मतदान करेंगे। जहां तक सवाल उत्साह का है तो हम सभी में मतदान को लेकर बहुत उत्साह है। हमारे लिए पार्टी से ज्यादा उम्मीदवार की छवि ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस बार के चुनाव में महंगाई और झूठे वादे मुख्य चुनावी मुद्दा है। हम वर्तमान विधायक से संतुष्ट नहीं है। असंतुष्टी का कारण उनकी कार्य प्रणाली है और जो वादे किए थे उनमें से बहुत से अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। वादों का पूरा नहीं होना सवाल खड़े करता है कि क्या उन्होंने झूठे वादे किए थे।

महू विधानसभा क्षेत्र के गोपाल शर्मा कहते हैं कि उनके लिए पार्टी से ज्यादा उम्मीदवार की छवि महत्वपूर्ण है। वे कहते हैं-
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मेरे क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा पानी और सड़क है। शहर और आसपास के गावों में सड़क की हालत बदतर है। पीने का पानी भी चार दिनों में आता है। चोरल डेम से निकली नल-जल परियोजना भी अधूरी है। इस योजना से कुछ ही गांवों के लोग लाभान्वित होंगे। मैं वर्तमान विधायक के कार्यों से संतुष्ट नहीं हूं। मैंने वोट डालने के लिए अपनी छुट्टी कैंसल कर दी है। मैं बाहर घूमने जाने वाला था, लेकिन मतदान होने से मैंने इसे आगे बढ़ा दिया है।

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