भोपाल। मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस अब तक संभावित उम्मीदवार तय नहीं कर सके हैं, जबकि चुनाव के लिए शुक्रवार, 1 नवंबर से नामांकन पत्रों का दाखिला शुरू होने जा रहा है, जो 8 नवंबर तक चलेगा।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार टिकट वितरण के लिए गठित विभिन्न समितियों की नई दिल्ली में कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अब तक पार्टी उम्मीदवारों की एक भी सूची जारी नहीं हो सकी है। हालांकि पार्टी ने कुछ समय पहले घोषणा की थी कि चुनाव से 3 माह पहले ही उम्मीदवार तय कर दिए जाएंगे।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि संभावना है कि गुरुवार रात तक कुछ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो जाएगी। प्रदेश में 10 साल तक सत्ता से दूर रहने की वजह से कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने कई आमसभाओं में एक मंच पर आकर एकता दिखाई थी। लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि टिकट वितरण को लेकर कोई भी एकजुट नहीं है।
दूसरी ओर, तीसरी बार सत्ता में आने को आतुर भाजपा में टिकट वितरण को लेकर हालात ठीक नहीं हैं, क्योंकि यहां उसके प्रदेश मुख्यालय पर पिछले कुछ दिनों में कई विधायकों और मंत्रियों को टिकट देने को लेकर संबंधित क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने धरना, प्रदर्शन एवं नारेबाजी की है।
इन प्रदर्शनकारी भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि यदि इन विधायकों और मंत्रियों को टिकट दिया जाता है तो पार्टी के जीतने की संभावनाएं धूमिल हो जाएगी।
भाजपा उपाध्यक्ष एवं पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सांसद प्रभात झा ने कुछ विधायकों एवं मंत्रियों को दोबारा टिकट देने को लेकर हो रहे कतिपय प्रदर्शनों के बारे में कहा कि इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि एक बार टिकट तय होने के बाद हर कार्यकर्ता पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में जुट जाता है।
कांग्रेस नेताओं की एकता की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनकी एकता एक ‘दिखावा’ है।
हालांकि मुख्यमंत्री चौहान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने गुरुवार को यहां कहा कि वे (चौहान) तो हमारे नेताओं में एकता देखकर खतरा महसूस कर रहे हैं इसलिए ऐसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हमारे बीच एकता है अथवा नहीं, यह चुनाव परिणाम आने के बाद सबको पता चल जाएगी।
इस बीच, चुनाव पूर्व प्रसारित-प्रकाशित हो रहे सर्वेक्षणों में भाजपा के जीतने की संभावनाएं प्रकट की जा रही हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इन्हें खारिज करते हुए कहा है कि इस बार उनकी पार्टी को ही जीत हासिल होगी।
इन चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को लेकर पूछने पर कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा था कि इन्हें फाड़कर कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए। (भाषा)