मप्र के चुनावों में कड़ी निगरानी

शनिवार, 9 नवंबर 2013 (19:44 IST)
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भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान अत्यधिक निर्वाचन व्यय, धनराशि का नकद एवं अन्य तरीके से वितरण, अवैध हथियारों, गोला-बारूद, शराब या असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर उड़नदस्तों, स्टेटिक्स सर्विलेंस टीम (एसएसटी) और जांच चौकियों द्वारा निगरानी रखी जा रही है।

चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 3 से 4 उड़नदस्ते गठित किए गए हैं, जो मतदान समाप्ति तक कार्य करेंगे। उड़नदस्ते आदर्श आचरण संहिता तथा उसके उल्लंघन से संबंधित शिकायतों पर भी कार्रवाई करा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मतदाताओं को रिश्वत देने के उद्देश्य से बड़ी मात्रा में नकदी तथा अस्त्र-शस्त्र,गोला-बारूद, शराब, समाजविरोधी तत्वों की आवाजाही, निर्वाचकों को भयभीत करने, धमकी देने आदि की शिकायतों पर उड़नदस्तों ध्यान दे रहे हैं।

वे अभ्यर्थियों या राजनीतिक दल द्वारा प्राधिकृत या वहन किए गए निर्वाचन व्यय के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर भी कार्रवाई करेंगे।

उड़नदस्तों द्वारा वीडियोग्राफी करवाने के साथ ही सभी मुख्य रैलियों, सार्वजनिक बैठकों एवं राजनीतिक दल द्वारा अन्य मुख्य व्यय के मामलों में भी कार्रवाई की जाएगी। उड़नदस्तों द्वारा की गई संपूर्ण कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग का सिलसिला भी प्रारंभ कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार किसी भी विधानसभा क्षेत्र में तीन या अधिक स्टेटिक्स सर्विलेंस टीम गठित की गई है। एसएसटी में एक मजिस्ट्रेट तथा प्रत्येक दल में 3 या 4 पुलिसकर्मी हैं, जो जांच चौकी का कार्य कर रहे हैं। क्षेत्रों की संवेदनशीलता के आधार पर कुछ टीमों में केंद्रीय पुलिस बल के कर्मी भी रखे जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि यह दल मुख्य मार्गों, जिले एवं राज्य की सीमाओं पर जांच चौकियां बनाकर क्षेत्र में अवैध शराब, बड़ी मात्रा में नकदी, अस्त्र-शस्त्र और असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर निगाह रख रहे हैं।

दल को जांच प्रक्रिया के दौरान वीडियोग्राफी करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इन टीमों द्वारा रिटर्निंग अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और व्यय प्रेक्षक, सामान्य एवं पुलिस प्रेक्षक को प्रति सहित दैनिक गतिविधि की रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को उसी दिन भेजी जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों के परामर्श से जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा सर्विलेंस टीम को नियंत्रित किया जाएगा। संवेदनशील क्षेत्र में मतदान से पहले आखिरी 72 घंटे में इस तंत्र को और मजबूत किया जा सकेगा। (भाषा)

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