एक्जिट पोल : नतीजा वही पर ट्रेंड बदला

मध्‍यप्रदेश में एक्जिट पोल के नतीजे भी कमोबेश वही आए हैं जो ओपिनियल पोल के दौरान आए थे। लेकिन, इन नतीजों में एक बात नोट करने वाली है कि एक सर्वे एजेंसी को छोड़कर बाकी सभी ने ओपीनियन पोल की तुलना में भाजपा को मिलने वाली संभावित सीटों की संख्‍या कम बताई है, जबकि कांग्रेस को मिलने वाली संभावित सीटों की संख्‍या में बढ़ोतरी दर्शाई गई है।

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ओपीनियन पोल अक्‍टूबर के अंतिम सप्‍ताह से लेकर नवंबर के पहले सप्‍ताह के बीच आए थे और इस लिहाज से देखा जाए तो मतदाताओं का मूड भांपने वाली एजेंसियों के आंकड़ों में काफी बदलाव दिखता है। अब इसे चुनाव प्रचार अभियान की सफलता अथवा असफलता कहें या फिर मतदाताओं का मूड भांपने में ओपीनियन पोल की कमी लेकिन आंकड़े तो यही कह रहे हैं।

मध्‍यप्रदेश में जिन एजेंसियों ने ओपीनियन पोल किया था उनमें से इंडिया टुडे और ओआरजी ने उस समय भाजपा को 143 सीटें मिलने की संभावना बताई थी, जबकि इसी एजेंसी का एक्जिट पोल अब भाजपा को 138 सीटों की संभावना जता रहा है। यानी उसके आकलन के मुताबिक एक माह में ही भाजपा की सीटों में 5 की कमी आई है। इसी तरह इस एजेंसी ने ओपीनियन पोल में कांग्रेस को 78 सीटों की संभावना बताई थी जो अब बढा़कर 80 कर दी है, यानी कांग्रेस के खाते में उसने दो सीटों का इजाफा किया है। बसपा सहित अन्‍य दलों को इंडिया टुडे- ओआरजी ने ओपीनियन पोल में 9 सीटें दी थीं जो एक्जिट में बढ़ाकर 12 कर दी हैं।

आईबीएन और सीएसडीएस के अनुमानों में तो बहुत बड़ा अंतर दिखाई देता है। इस एजेंसी ने ओपीनियन पोल और एक्जिट पोल में अपने लिए बहुत गुंजाइश छोड़ी है। ओपीनियन पोल में इसने भाजपा को 148 से 160 सीटें, कांग्रेस को 52 से 62 सीटें और अन्‍य दलों को 10 से 18 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था।

कांग्रेस और भाजपा की संभावना में उसने दस दस सीटों तक के कम या ज्‍यादा होने की गुंजाइश रखी थी। जबकि अन्‍य दलों के मामले में यह गुंजाइश आठ सीटों की थी। इनमें बसपा भी शामिल है। गणना की सुविधा के लिए यदि इस एजेंसी द्वारा ओपीनियन पोल के दौरान लगाए गए अनुमानों का औसत निकाला जाए तो उसके हिसाब से भाजपा को 154, कांग्रेस को 67 और बसपा सहित अन्‍य दलों को 14 सीटें मिलने की संभावना थी।

लेकिन, आईबीएन सीएसडीएस का एक्जिट पोल अब कुछ और ही कहानी कह रहा है। उसके मुताबिक भाजपा को अब 136 से 146, कांग्रेस को 67 से 77 और अन्‍य दलों को 13 से 21 सीटें तक मिल सकती हैं। यहां भी इस एजेंसी ने कांग्रेस व भाजपा के मामले में अपने अनुमान की लाज बचाए रखने के लिए दस दस सीटों की गुंजाइश रखी है।

इसी तरह अन्‍य दलों के मामले में भी आठ का लचीलापन यथावत है। यदि इन संख्‍याओं को औसत निकालें तो यह अनुमान भाजपा को 141, कांग्रेस को 72 और बसपा सहित अन्‍य दलों को 17 सीटें देता है। इस लिहाज से ओपीनियन पोल और एक्जिट पोल की अवधि के बीच भाजपा की संभावना में 13 सीटों की कमी आई है जबकि कांग्रेस की संभावना में 5 सीटों का इजाफा हुआ है। बसपा सहित अन्‍य दलों को इस एजेंसी के मुताबिक 3 सीटों की और बढ़त मिल रही है।

भारतीय जनता पार्टी को ओपीनियन पोल के दौरान 150 से अधिक सीटों का अनुमान लगाने वाला एक सर्वे एबीपी नील्‍सन का भी था। उन्‍होंने ओपीनियन पोल में भाजपा को 155, कांग्रेस को 65 और अन्‍य दलों को 10 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। लेकिन अब एक्जिट पोल में यह अनुमान काफी बदल गया है। इस एजेंसी का ताजा अनुमान कहता है कि भाजपा को 138, कांग्रेस को 80 और अन्‍य दलों को 12 सीटें मिलेंगी। इस हिसाब से इन्‍होंने भाजपा की संभावना में एक माह के भीतर ही 17 सीटों की कमी की है, जबकि कांग्रेस के खाते में उसने 15 सीटों की बढ़त दिखाई है। इसी तरह अन्‍य दलों को भी यह सर्वे दो सीटें ज्‍यादा दे रहा है।

इन सबसे अलग टाइम्‍स नाऊ और सी वोटर का सर्वे है जो ओपीनियन पोल की तुलना में भाजपा की सीटों में बढ़ोतरी और कांग्रेस की सीटों में कमी दर्शा रहा है। इस सर्वे ने ओपीनियन पोल में भाजपा को 126 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था जबकि कांग्रेस के लिए उसका अंदाजा 98 सीटों का व अन्‍य दलों के लिए 16 सीटों का था। लेकिन एक्जिट पोल में उसने भाजपा को दो सीटों की बढ़त के साथ 128 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। इसी तरह कांग्रेस को उसके हिसाब से अब 6 सीटें कम यानी 92 सीटें ही मिल पा रही हैं। यहां बसपा सहित अन्‍य दलों को भी नुकसान होने के संकेत हैं और उनकी सीटों की संख्‍या में 6 की कमी दर्शाते हुए उन्‍हें सिर्फ 10 सीटें मिलने की ही संभावना जताई गई है।

इनके अलावा एक और एजेंसी सी फोर ने भी एक्जिट पोल के आंकड़े जारी किए हैं और उसके हिसाब से भाजपा को 135, कांग्रेस को 84 और अन्‍य दलों को 11 सीटें मिलने का अनुमान है।

अब यदि आंकड़ों के औसत आधार पर देखा जाए तो सभी एजेंसियों के ओपीनियन पोल मिलाकर मध्‍यप्रदेश में भाजपा को 144 सीटें, कांग्रेस को 74 और अन्‍य दलों को 12 सीटें मिलने का अनुमान लगा रहे थे।

यह अनुमान एक्जिट पोल आंकड़ों के औसत के हिसाब से अब बदलकर भाजपा 136, कांग्रेस 82 और अन्‍य दल 12 हो गया है। यानी ओपीनियन और एक्जिट पोल के बीच में परिस्थितियां कांग्रेस के लिए अनुकूल हुई हैं तो भाजपा की संभावना में कुछ कमी आई है। लेकिन भाजपा इस बात से संतोष कर सकती है कि इस कमी के बावजूद राज्‍य में फिर से सरकार बनाने का उसका दावा बरकरार है। उसकी संभावना पहले भी जताई गई थी और अब भी जताई गई है।

महत्‍वपूर्ण तथ्‍य यह भी है कि चाहे आपीनियन पोल हो या एक्जिट पोल किसी भी एजेंसी ने अपने अनुमानों में कांग्रेस को सीटों की सेंचुरी तक नहीं पहुंचाया है, जबकि भाजपा को किसी ने भी सरकार बनाने के जादुई आंकड़े 116 से ऊपर ही रखा है।

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