भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद अब बदले सियासी माहौल के बीच कमलनाथ सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि जून के पहले सप्ताह में सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हो सकता है। इसमें कुछ नए चेहरों को मौका मिलेगा तो कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी भी हो सकती है। सूत्र बताते है कि निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और विक्रम सिंह राणा को मंत्री बनाया जाना लगभग तय हो गया है।
इससे पहले लोकसभा चुनाव के समय वेबदुनिया से बातचीत में खुद निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें लोकसभा चुनाव के बाद मंत्री बनाए जाने का आश्वासन दिया है।
कुछ मंत्रियों की हो सकती हैं छुट्टी - कयास लगाए जा रहे हैं लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद होने वाले मंत्रिमंडल के फेरबदल में कुछ मंत्रियों की छुट्टी और कुछ के विभागों में फेरबदल हो सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को साफ ताकीद दी थी कि जिन मंत्रियों के क्षेत्र में पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगी उन पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे है कि जिन लोकसभा सीटों में पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगी वहां से आने वाली मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। वहीं एग्जिट पोल के आने के बाद मंत्रियों में भी बैचेनी देखी जा रही है।
मंत्रिमंडल विस्तार जरूरी क्यों – सरकार बनने के छह महीने के अंदर कांग्रेस सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार को सियासत के जानकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की मजबूरी बताते हैं। कांग्रेस जिसको विधानसभा में अकेले बल पर बहुमत नहीं हासिल है उसको लोकसभा चुनाव के बाद अब विधायकों की हॉर्स ट्रैंडिंग का डर सता है। उधर जो भाजपा पूरे लोकसभा चुनाव प्रचार में ये दावा करती रही कि चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार गिर जाएगी उसने एग्जिट पोल के अनुमानों के बाद सियासी चालें चलना शुरु कर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर राज्यपाल से कर दी है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 है जो बहमुत के आंकड़ें से दो कम है। सरकार बसपा के दो विधायक, समाजवादी पार्टी के एक विधायक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन पर टिकी है। लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह बसपा और कांग्रेस के बीच दूरियां दिखाई दी और बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को खुले तौर पर चेतावनी दी है, उसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ कोई रिस्क नहीं लेकर दो निर्दलीय विधायकों को मंत्री बनाकर सरकार को संख्या बल के आधार पर बजट सत्र से पहले मजबूत करना चाह रहे हैं। इससे पहले एक निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल पहले ही सरकार में मंत्री है।
आज कांग्रेस की बड़ी बैठक - भाजपा ने जहां कमलनाथ सरकार के कभी भी गिरने की भविष्यवाणी कर दी है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने 23 मई को चुनाव परिणाम आने से पहले कांग्रेस अपनी व्यूह रचना तैयार करने के लिए आज एक बड़ी बैठक करने जा रही है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सभी मंत्रियों, विधायकों और लोकसभा चुनाव के सभी उम्मीदवारों की अलग अलग बैठक होगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में मतगणना को लेकर तैयारी की समीक्षा करने के साथ चुनाव के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं का पूरा फीडबैक लिया जाएगा। एग्जिट पोल के अनुमानों और प्रदेश में भाजपा नेताओं के बयानों के बाद आज होने वाली कांग्रेस की ये बैठक काफी अहम हो गई है, वहीं कांग्रेस की इस बैठक को लेकर सियायी सरगर्मी भी बढ़ गई है।