अब कुछ देर पहले अरुण यादव ने ट्वीट कर लिखा कि "आज कमलनाथ जी, मुकुल वासनिक जी से दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपने पारिवारिक कारणों से खण्डवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी प्रत्याशी न बनने को लेकर लिखित जानकारी दे दी है, अब पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी मैं उनके समर्थन में पूर्ण सहयोग करूंगा"।
अरुण यादव के इस ट्वीट के बाद प्रदेश में सियासी पारा गर्मा गया है। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि खंडवा लोकसभा सीट पर पार्टी में लगातार जारी विवाद और गुटबाजी के चलते अरुण यादव ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि अरुण यादव खंडवा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तो सोशल मीडिया पर अरुण यादव को बधाई भी दे डाली थी।
अरुण यादव अपने ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ कुछ दिनों पहले मोर्चा खोल दिया था। वहीं वह कमलनाथ के घर होने वाली चुनावी बैठकों से लगातार दूरी बनाकर रखे थे। शनिवार को कमलनाथ से जब अरुण यादव की दावेदारी को लेकर सवाल किया गया था तो कमलनाथ ने कहा था कि सर्वे में जिसका नाम आएगा उसको टिकट दिया जाएगा।