भोपाल। इंदौर में कोरोना मरीजों के इलाज के चलते संक्रमण की चपेट में आने से जहां एक डॉक्टर की मौत हो गई तो दूसरी ओर राजधानी भोपाल में कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे दो डॉक्टरों पर पुलिस का कहर टूट पड़ा। राजधानी एम्स में फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट में पीजी डॉक्टर ऋतु परना और डॉक्टर युवराज की अस्पताल के पास ही पुलिस वालों ने बेरहमी से पिटाई कर दी है। पुलिस की पिटाई में डॉक्टर युवराज के हाथ में फ्रेक्चर हो गया है वहीं उनकी साथ महिला डॉक्टर के पैर में चोट आई है।
डॉक्टर युवराज घटना को बताते हुए कहते हैं कि बुधवार की शाम को वह अपनी साथी डॉक्टर के साथ एम्स से घर जा रहे थे जैसे वह एम्स से बाहर निकलकर अपनी कॉलोनी में एंट्री करने वाले ही थी तब पेट्रोलिंग कर रहे पुलिस की गाड़ी ने उनको रोका और गाली गलौज करने लगे। डॉक्टर युवराज कहते हैं कि पुलिस वालों ने बिना कुछ सुने हुए डंडे से मारपीट शुरू कर दी। यह तब हुआ जब उन्होंने पुलिसवालों को खुद का परिचय देते हुए अपना आईडी कार्ड दिखाने की कोशिश की। मारपीट की घटना के पीड़ित डॉक्टरों ने एम्स पहुंचकर इमरजेंसी में एमएलसी करवाई और बागसेवनियां थाने में पूरे मामले की शिकायत की।
वहीं एम्स के डॉक्टरों पर हमले के मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर पुलिसकर्मियों द्धारा डॉक्टरों की पिटाई करने को शर्मनाक बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। वहीं एम्स डॉक्टर एसोसिएशन ने भी आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं दूसरी ओर मामले को बढ़ता देख भोपाल (साउथ) एसपी ने आरोपी आरक्षक सुनील नाहरिया को लाइन अटैच कर दिया गया है।