रूंडीपाड़ा स्थित एक पोल्ट्री फॉर्म में कड़कनाथ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके बाद पोल्ट्री फॉर्म से 1 किमी की दूरी में स्थित सभी मुर्गे मुर्गियों को मार दिया गया है। यहां से क्रिकेट स्टार महेंद्र सिंह धोनी को 2000 कड़कनाथ चूजों को रांची भेजने का ऑर्डर मिला था। बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद अब धोनी को चूजे नहीं भेजे जा सकेंगे।
ऐसा माना जाता है कि दूसरी प्रजातियों के चिकन के मुकाबले कड़कनाथ के काले रंग के मांस में चर्बी और कोलेस्ट्रॉल काफी कम होता है, जबकि इसमें प्रोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत कहीं ज्यादा होती है। कड़कनाथ चिकन में अलग स्वाद के साथ औषधीय गुण भी होते हैं।
क्यों कहा जाता है कालामासी : झाबुआ मूल के कड़कनाथ मुर्गे को स्थानीय जुबान में 'कालामासी' कहा जाता है। इसकी त्वचा और पंखों से लेकर मांस तक का रंग काला होता है। देश की जियोग्राफिकल इंडिकेशंस रजिस्ट्री 'मांस उत्पाद तथा पोल्ट्री एवं पोल्ट्री मीट' की श्रेणी में कड़कनाथ चिकन के नाम भौगोलिक पहचान (जीआई) का चिन्ह भी पंजीकृत कर चुकी है।