भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस अब पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में आ डटी है। प्रदेश में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने मुद्दों के साथ जनता के बीच जा रहे है और एक दूसरे को घेर रहे है। आइए देखते है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस किन मुद्दों पर जनता के बीच जाने की तैयारी में है। भाजपा के 5 प्रमुख चुनावी मुद्दे
1-नरेंद्र मोदी का चेहरा- मध्यप्रदेश में भाजपा विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ने जा रही है। भाजपा के रणनीतिकार जानते है कि मोदी ही वह चेहरा जो राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ मौजूदा एंटीइंकम्बेंसी को प्रोइंकम्बेंसी में बदल सकता है। यहीं कारण है कि चुनावी साल के शुरुआती तीन महीनों में प्रधानमंत्री 4 बार मध्यप्रदेश आ चुके है। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्वालियर-चंबल, मालवा और भोपाल में बड़े कार्यक्रमों में शामिल हो चुके है। वहीं राज्य में चुनाव से पहले पार्टी मोदी के चेहरे की ब्रॉडिंग पर अपना पूरा फोकस कर दिया है।
2-डबल इंजन सरकार- प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा डबल इंजन की सरकार के चुनावी नारे के साथ मैदान में आ डटी है। दरअस 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा वोटरों को डबल इंजन वाली सरकार के माध्यम से सीधा संदेश देने की रणनीति पर काम कर रही है। केंद्र की योजनाओं को राज्य सरकार के द्वारा बेहतर क्रियान्वयन के साथ उनको आगे बढ़ाकर वोटरों को सीधा कनेक्ट करने की कोशिश में जुटी है। भाजपा जनता को डबल इंजन सरकार (केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा सरकार) के फायदे गिनाकर सत्ता में पांचवी बार वापस आन चाह रही है। पिछले दिनों मध्यप्रदेश क वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात देने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के कामकाज को गिनाने के साथ प्रदेश में भाजपा सरकार के कामों को विस्तार से बताया।
3-विकास का मुद्दा –मध्यप्रदेश में भाजपा विकास के मॉडल पर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पार्टी 2003 के बाद प्रदेश में भाजपा सरकार में हुए विकास को जनता के बीच भुनाने की पूरी तैयारी में है। सरकार बिजली, पानी, सड़क के साथ लोगों को मुफ्त आवास की सुविधा मिलने को भी चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस को घेरने की तैयारी में है।
4-मुफ्त का दांव- मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए मुफ्त का दांव सबसे बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है, इसलिए पार्टी भाजपा सरकार में लोगों को मुफ्त में मिली रही योजनाओं से लेकर खातों में सीधे ट्रांसफर हो रहे पैसे को चुनावी मुद्दा बना रही है। चुनाव साल में भाजपा सरकार की ओर से शुरु की गई लाड़ली बहना योजना से लेकर युवाओं को रोजगार देने के साथ एक साल तक 8 हजार रुपए देने के स्टाइपेंड देने को जोर शोर से भुना रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिलों में जाकर लोगों से सीधा कनेक्ट कर लाड़ली बहना योजना के फायदे गिना रहे है।
5-किसान हितैषी भाजपा सरकार-मध्यप्रदेश में 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा के सत्ता से बाहर होने का प्रमुख कारण किसानों की नाराजगी और कांग्रेस का किसान कर्जमाफी का कार्ड था। यहीं कारण है कि चुनावी साल में किसानों और उससे जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार बेहद संवेदनशील है। सरकार डिफाल्टर किसानों की कर्ज की ब्याज माफी के साथ ओले और बारिश से खराब हुई किसानों की फसल को मुआवजा दे रही है। इसके साथ बारिश से खराब किसानो का गेंहू भी सरकार न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खऱीद रही है।
भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस के मुद्दे- 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा से अधिक सीटें हासिल कर सत्ता में आने वाली कांग्रेस भले ही 15 महीने में सत्ता से बाहर हो गई हो लेकिन इस बार पार्टी सत्ता में कमबैक करने की पूरी तैयारी कर रही है। सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस जमीनी तैयारी करने के साथ जनता के सामने एक विजन पेश करने जा रही है जिसको पार्टी ने वचन पत्र का नाम दिया है।
1-महिलाओं को 1500 रु और 500 में गैस सिंलेंडर- कांग्रेस अपने वचन पत्र में प्रदेश में आधी आबादी यानि महिलाओं के वोट बैंक को साधने के लिए कई बड़े वादे करने जा रही है। इसमें सत्ता में आने पर महिलाओं को 1500 रुपए हर महीने देने के साथ 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा करेगी। कांग्रेस नेताओं ने स्थानीय तौर पर इसकी शुरुआत भी कर दी है। सागर में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कांग्रेस नेता ने विधानसभा क्षेत्र की 6 महिलाओं को 1500 रुपए देकर इसकी शुरुआत भी कर दी है।
2-किसानों की कर्ज माफी का वादा–2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी का जो ट्रंपकार्ड खेला था उसने कांग्रेस के पंद्रह साल के वनवास को खत्म कर एक बार फिर सत्ता तक पहुंचा दिया था।। अब कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव में फिर एक बार किसान वोट बैंक को साधने के लिए कर्जमाफी का वादा करने जा रही है। इसके साथ ही पार्टी किसानों का बिजली बिल आधा करने, किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य देने के साथ फसल का नुकसान होने पर उचित मुआवजा देने का वादा करने जा रही है।
3-युवाओं को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता देने का वादा- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस युवा वोटरों को साधने के लिए रोजगार देने का वादा करने के साथ सत्ता में आने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने जा रही है। पार्टी अपने वचन पत्र में सत्ता आने पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ दो से ढाई हजार तक बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर सकती है
4-सॉफ्ट हिंदुत्व पर फोकस- विधानसभा चुनाव में भाजपा के हिंदुत्व कार्ड को चुनौती देने के कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलने की तैयारी में है। चुनाव के लिए अपने वचन पत्र में पार्टी प्रदेश में राम वन गमन पथ का निर्माण करने, सभी पंचायतों में गौशाला खोलने, नर्मदा परिक्रमा पथ को विकसित करने, धार्मिक नगरों को पवित्र घोषित करने का वादा लोगों से करने जा रही हैं।
5-जनता के बीच इमोशनल कार्ड- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इमोशनल कार्ड खेलने की भी तैयारी में है। पार्टी प्रदेश में जिस तरह विधायकों को दल बदल कर उसकी सत्ता गिराई गई उसको मुद्दा बनाने की तैयार में है। इंदौर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि पार्टी जनता से पूछेगी कि आखिर हमारा कसूर क्या था।