उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलग पार्टी बनाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। सोमवार को तेजी से हुए सियासी उटलफेर के बीच सिंधिया के भाजपा के साथ संपर्क में होने की खबरें भी सामने आ रही हैं। सिंधिया के भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात करने की खबरें भी खूब सुर्खियों में हैं। सिंधिया समर्थक विधायक और मंत्री बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं।
1993 में जब मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी तब माधवराव सिंधिया ने पार्टी में उपेक्षित होकर कांग्रेस को अलविदा कहकर अपनी अलग पार्टी मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस बनाई थी, हालांकि बाद में वे कांग्रेस में वापस लौट गए थे। वहीं इससे पहले 1967 में जब मध्य प्रदेश में डीपी मिश्रा सरकार थी तब कांग्रेस में उपेक्षित होकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कांग्रेस छोड़कर जनसंघ से जुड़ गई थीं और जनसंघ के टिकट पर गुना लोकसभा सीट से चुनाव भी जीती थीं।