कुटुम्ब न्यायालय में खुद विवाहिता ने भी अपने पति की याचिका के तथ्यों को स्वीकार किया। हालांकि अपने जीजा से विवाह पूर्व संबंध कबूलने के बाद वह दोबारा मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर नहीं हुई। नतीजतन अदालत ने मामले में महिला के खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही का निर्णय किया। (भाषा)